बारहवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन, फिजी, 2023

फिजी में 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन 15 से 17 फरवरी, 2023 के दौरान संपन्न हुआ। सम्मेलन में लगभग तीन दर्जन देशों के एक हजार से अधिक हिंदी विद्वानों तथा हिंदी प्रेमियों ने हिस्सा लिया। इसमें फिजी के शीर्ष नेतृत्व ने भी भागीदारी की और भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया।

तीन दिन तक चले इस सम्मेलन के समापन समारोह में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हिंदी और इसके प्रभाव के बारे में बताया। विदेश मंत्री ने फिजी के राष्ट्रपति विलियम कैटोनिवरे का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह से उन पर हिंदी फिल्मों का असर पड़ा। श्री जयशंकर ने कहा कि हिंदी विविध रूपों में विश्व भर में पहुँच रही है तथा लोकप्रिय हो रही है।

सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'विश्व हिंदी सम्मेलन एक 'महाकुंभ' की तरह है। सभी को लगता है कि ये हिंदी का एक महाकुंभ है, जहां पूरी दुनिया से हिंदी प्रेमी आए। यह हिंदी के विषय में एक वैश्विक नेटवर्क का मंच बनेगा।'


उन्होंने आगे कहा, 'हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि किस तरह से हिंदी वैश्विक भाषा बने और इस तरह का सम्मेलन एक ऐसा मंच बने, जहां हिंदी से प्यार करने वाले लोग आपस में जुड़ सकें।' जयशंकर ने ये भी बताया कि फिजी सरकार ने फिजी में हिंदी के साथ-साथ तमिल व अन्य भाषाओं की शिक्षा भी शुरू करने पर सहमति दे दी है।

विदेश मंत्री ने आगे फिजी और भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करने की बात भी कही। बोले, हम सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व अन्य सभी रिश्तों को मजबूत बनाएंगे। उन्होंने इस दौरान फिजी की राजधानी सुआ में सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण भी किया।

इस मौके पर फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद ने कहा कि भारत की तरफ से यहां पर हो रहे सांस्कृतिक मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए हम यहां पर हो रही हिंदी, तमिल आदि शिक्षण की मांग को पूरा करने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि फ़िजी में हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार पिछले 140 वर्षों से हो रहा है। आज जब मैं अपने पूर्वजों को याद करता हूं तो वह अपने साथ रामायण, गीता तो नहीं लाए थे, लेकिन अपने साथ वह अपनी संस्कृति साथ में लाए थे।