विश्व हिंदी दिवस 2020

10 जनवरी, 2020 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के संयुक्त तत्वावधान में इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, फ़ेनिक्स में विश्व हिंदी दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया। समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

समारोह की मुख्य अतिथि शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन रहीं। इस अवसर पर भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्री तन्मय लाल तथा कला एवं सांस्कृतिक धरोहर मंत्री माननीय श्री अविनाश तिलक के साथ आवास और भूमि उपयोग योजना मंत्री माननीय श्री लुई स्तीवन ओबिगादु, औद्योगिक विकास, एस.एम.ई. और सहकारिता मंत्री माननीय श्री सुमिलदत्त भोला तथा राष्ट्रीय मूलढाँचा और समुदाय विकास मंत्री माननीय श्री महेन्द्रनाथ शर्मा हरिराम ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

सचिवालय ने इस वर्ष विश्व हिंदी दिवस के विशेष अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में यू.के. के प्राच्य अध्ययन संकाय, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से एसोसिएट प्रोफ़ेसर (हिंदी) डॉ. इमरे बंघा को मॉरीशस के हिंदी प्रेमियों के समक्ष प्रस्तुत किया।

श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन

मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन ने सभी को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए विश्व हिंदी सचिवालय की गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने कहा "हिंदी अब किसी एक देश या समुदाय तक सीमित न होकर पूरे जगत में छा गई है। बोलचाल और लिखित दोनों ही रूपों में यह भाषा विश्व में प्रचलित होती जा रही है। कई देशों को और असंख्य लोगों को जोड़ने वाली इस भाषा की कीर्ति को आज उत्सव के रूप में मनाना हर प्रकार से उचित है। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन से उपजा विश्व हिंदी दिवस किसी भी पर्व या त्योहार से कम महत्त्व का नहीं है। भारी संख्या में हिंदी का उत्सव मनाने के लिए आप सब यहाँ उपस्थित हुए हैं। आपकी उपस्थिति से हिंदी की ख्याति का सुन्दर प्रमाण मिलता है।" उन्होंने यह भी कहा "नए साल के अवसर पर और विश्व हिंदी दिवस 2020 के उपलक्ष्य में, मैं यह कामना करती हूँ कि विश्व में हिंदी की कीर्ति सभी दिशाओं में फैले। हिंदी के सेवकों की मेहनत दुगुना फल लाए और हिंदी को वह प्रतिष्ठा मिले, जो हम सब चाहते हैं।"

डॉ. इमरे बंघा

डॉ. इमरे बंघा ने '21वीं सदी में यूरोप में हिंदी-शिक्षण की चुनौतियाँ' विषय पर वक्तव्य देते हुए वहाँ पर हिंदी के प्रचार-प्रसार में हो रहे कार्यों व प्रयासों पर बात की। साथ ही उन्होंने कहा कि "ब्रिटेन और हिंदी का गहरा ऐतिहासिक संबंध है, फिर भी हिंदी की पढ़ाई के इतिहास के बारे में हमें कम जानकारी मिलती है। उपनिवेशी प्रशासन के लिए ब्रिटेन में हिन्दुस्तानी भाषा ज़रूर पढ़ाई जाती थी, लेकिन उस समय नागरी लिपि में हिंदी की पढ़ाई के बारे में हमें जानकारी बहुत कम है।" उन्होंने यह भी कहा कि"हिंदी सीखने से आगे चलकर काम न भी मिले, फिर भी भाषा का साहित्य जैसा महत्त्व है ही। शिक्षकों को यहाँ स्पष्ट करना चाहिए कि भाषा सीखने से कोई समय बरबाद नहीं करता, बल्कि मानवता का विस्तार करता है और दूसरे देशों में परस्पर सम्मान व समझौता को बढ़ावा देता है। जो लोग कई भाषाओं में साहित्य पढ़ते हैं, उनको मालूम है कि हरेक भाषा का रस अलग है और भाषा का व्यक्तित्व भी अलग है। यह हमारा दायित्व है कि भविष्य में हमारे बच्चे भी इन रसों व मानव अभिज्ञताओं का आस्वादन कर सकें।"

महामहिम श्री तन्मय लाल ने इस अवसर पर भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री, महामहिम श्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़कर सुनाया। अपने उद्बोधन में महामहिम ने सभी को विश्व हिंदी दिवस 2020 की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा "हिंदी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी आज भारत, मॉरीशस तथा कुछ अन्य देशों में ही सीमित नहीं है, बल्कि हिंदी भाषी लोग अब दुनिया भर के कई देशों में बसे हैं या कार्यरत हैं। आज विश्व में लगभग तिहत्तर देशों में, 300 संस्थानों में हिंदी पढ़ाने की व्यवस्था है। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा भी हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनके द्वारा सोशल मीडिया पर हिंदी में पोस्ट और हिंदी में समाचार बुलेटिन का प्रसारण गत वर्ष से आरम्भ हुआ है। विश्व हिंदी सचिवालय भारत और मॉरीशस के अत्यंत घनिष्ठ संबंधों का प्रतीक तो है ही, यह कई मायनों में एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान जैसा है, जो हिंदी भाषा के प्रचार की दिशा में महत्त्वपूर्ण काम कर रहा है। यह सचिवालय हिंदी भाषा की हमारी साझी धरोहर को सुरक्षित रखने और उसे बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है।"

कला एवं सांस्कृतिक धरोहर मंत्री, माननीय श्री अविनाश तिलक ने कहा "विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना से लेकर आज तक का सफ़र बड़ी अच्छी तरह से संभाला गया है। अपने विविध कार्यों द्वारा वह धीरे-धीरे हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ तक ले जाने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता जा रहा है। और मुझे पूरा यकीन है कि हम उस मंज़िल तक ज़रूर पहुँचेंगे, क्योंकि हिंदी आज एक अंतरराष्ट्रीय भाषा बन चुकी है। वास्तव में विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी भाषा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। आज हिंदी सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और जितनी ही पुरानी है उतनी ही प्रभावशाली भी। हिंदी केवल हिंदुस्तानियों के लिए नहीं है, हिंदी केवल भारत के लिए नहीं है, आज हिंदी पूरे विश्व की है और ऐसे देश में है जैसे दक्षिण अफ़्रीका, यू.एस., जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर, यू.के., कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि। हिंदी 175 विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई जाती है। हमारे लिए गर्व की बात है कि मॉरीशस के लोग कई भाषाएँ बोलते हैं और उनमें हिंदी प्रमुख है।"

समारोह के आरम्भ में सचिवालय के महासचिव, प्रो. विनोद कुमार मिश्र ने उपस्थित महानुभावों व सभी अतिथियों का स्वागत किया और सभी को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए सचिवालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी कहानी-लेखन प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की।

विश्व हिंदी पत्रिका के 11वें अंक का लोकार्पण

इस वर्ष सचिवालय ने अपने वार्षिक प्रकाशन 'विश्व हिंदी पत्रिका' के 11वें अंक (मुद्रित व वेब प्रारूपों) का लोकार्पण किया। इस अंक में विश्व के विभिन्न प्रदेशों के हिंदी विद्वानों एवं लेखकों द्वारा प्रणीत 34 ज्ञानवर्धक आलेख सम्मिलित किए गए हैं, जो हिंदी के उद्भव एवं विकास, लिपि, साहित्य और संस्कृति, हिंदी के ई-संसार एवं जन-माध्यम, हिंदी-शिक्षण, हिंदी के विविध आयाम तथा हिंदी के क्षेत्र में आज के प्रश्न से संबंधित हैं। यह अंक सचिवालय के वेबसाइट www.vishwahindi.com पर उपलब्ध है।

अंतरराष्ट्रीय कहानी-लेखन प्रतियोगिता

विश्व हिंदी दिवस 2020 के उपलक्ष्य में सचिवालय ने वर्ष 2019 में 'अंतरराष्ट्रीय हिंदी कहानी-लेखन प्रतियोगिता' का आयोजन किया था। नियमानुसार प्रतियोगिता को 5 भौगोलिक क्षेत्रों में बाँटा गया था - 1. अफ़्रीका व मध्य पूर्व, 2. अमेरिका, 3. एशिया व ऑस्ट्रेलिया (भारत के अतिरिक्त), 4. यूरोप, 5. भारत। सभी क्षेत्रों से कुल 174 प्रतिभागियों ने भाग लिया। समारोह में मॉरीशस के दो विजेताओं (प्रथम पुरस्कार - श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह तथा द्वितीय पुरस्कार - श्रीमती कल्पना लालजी) को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र भेंट किए गए। प्रतियोगिता का परिणाम सचिवालय के वेबसाइट www.vishwahindi.com पर उपलब्ध है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस वर्ष भी इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों द्वारा नृत्य नाटिका विश्व हिंदी दिवस के मंच पर प्रस्तुत की गई। नृत्य नाटिका का शीर्षक 'राम जन्म' रहा। कथक नृत्य शैली में संरचित यह नृत्य नाटिका रामायण के कुछ अंशों पर आधारित थी। इसमें प्रभु श्री राम के जन्म की कथा को नृत्य के माध्यम से दर्शाया गया। यह नाटिका संतान-प्राप्ति की कामना से राजा दशरथ का गुरु वशिष्ठ एवं ऋषि श्रृंग से परामर्श लेना, पुत्र कामेष्टि यज्ञ करना, श्री राम का जन्म, बधाई-नृत्य और नामकरण संस्कार तक की सुन्दर आध्यात्मिक यात्रा थी। परिकल्पना एवं नृत्य संरचना श्री करण गंगानी ने की। नृत्य कलाकार श्रीदेवी दासीरेड्डी (कौशल्या), शैलजा सुमीत पराशर (कैकेयी), नेहा बालु लछुमन (सुमित्रा), बालकिशन बिसेसर (दशरथ), प्रीतम बल्लु लछुमन (वशिष्ठ मुनि, ऋषि श्रृंग), बेला रामधारी, प्रेमा रामधारी, खुशबू रामधारी, विमला लोबिन, आयुशी बिहारी, देशना जोगिया, सृष्टि जगरूप, कामालक्षी दयाल, खुशी दयाल, नाज़िश साकुलु, नीलम सिबर्न और यजनी आहोतर रहे।

इस अवसर पर विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी गण, शैक्षिक, धार्मिक व प्रचारक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सदस्य गण और मॉरीशसीय हिंदी साहित्यकारों, लेखकों, प्राध्यापकों, शिक्षकों, छात्रों व हिंदी प्रेमियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मंच-संचालन डॉ. माधुरी रामधारी ने किया।

अन्य गतिविधियाँ

13 जनवरी, 2020 को महात्मा गांधी संस्थान, मोका में डॉ. इमरे बंघा के सान्निध्य में संस्थान के प्राध्यापकों के साथ एक परिचर्चा-सत्र का भी आयोजन किया गया।

- विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट