विश्व हिंदी दिवस 2021

11 जनवरी, 2021 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के संयुक्त तत्वावधान में इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, फ़ेनिक्स में विश्व हिंदी दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया। समारोह का आरंभ दीप-प्रज्वलन एवं मॉरीशस तथा भारत के राष्ट्र-गान से हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन, जी.सी,एस.के. रहे। इस अवसर पर विदेश, क्षेत्रीय एकीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री माननीय श्री नंदकुमार बोधा, भूमि परिवहन और लाइट रेल मंत्री माननीय श्री आलान गानू तथा भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्रीमती नंदिनी के. सिंग्ला ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कोरोना महामारी के चलते सचिवालय ने इस वर्ष विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर बीज-वक्ता के रूप में मास्को राज्य अंतरराष्ट्रीय संबंध विश्वविद्यालय, रूस की प्राध्यापिका, डॉ. सफ़र्मो तोलीबी द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग की प्रस्तुति की।

मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन ने सभी को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने अपने वक्तव्य में मॉरीशस में हिंदी के वैश्विक स्वरूप को उभारने में विभिन्न संस्थाओं के निरंतर सहयोग के प्रति आभार प्रकट किया तथा युवकों से अपनी भाषा पढ़ने और बोलने का निवेदन किया।

मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन

इस अवसर पर भारत गणराज्य के शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' द्वारा वीडियो की प्रस्तुति की गई। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी विचार प्रवाह है तथा उसका हर एक शब्द जीवंत है। उन्होंने बताया कि मॉरीशस की सांस्कृतिकता भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत है तथा मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना मॉरीशस का हिंदी के प्रति लगाव को दर्शाता है।

मॉरीशस में नवनियुक्त भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्रीमती नंदिनी के. सिंग्ला ने इस अवसर पर भारत गणराज्य के प्रधान मंत्री, माननीय श्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़कर सुनाया। अपने उद्बोधन में महामहिम ने कहा कि हिंदी समस्त भारत में एक संपर्क भाषा बन गई है। उन्होंने हिंदी की प्रगति में मॉरीशसीय साहित्यकारों के योगदान को सराहा। साथ-साथ उन्होंने विश्व हिंदी सचिवालय तथा विभिन्न संस्थाओं के सहयोग की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस बदलते समय में नई सोच तथा नए प्रयासों की आवश्यकता है, जो विश्व हिंदी सचिवालय और विश्व को और निकट लाए।

भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्रीमती नंदिनी के. सिंग्ला

डॉ. सफ़र्मो तोलीबी ने 'रूस में हिंदी-शिक्षण की स्थिति एवं संभावनाएँ' विषय पर वक्तव्य देते हुए वहाँ के विभिन्न विद्वानों द्वारा हिंदी-शिक्षण के प्रति योगदान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रूस के विश्वविद्यालयों में हिंदी की रक्षा को खास प्राथमिकता दी जाती है।

समारोह के आरंभ में सचिवालय के महासचिव प्रो. विनोद कुमार मिश्र ने उपस्थित महानुभावों व सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा पिछले एक वर्ष में सचिवालय की उपलब्धियों व गतिविधियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए सचिवालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य-लेखन प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की।

मंच-संचालन विश्व हिंदी सचिवालय की उपमहासहिव डॉ. माधुरी रामधारी ने किया।

विश्व हिंदी पत्रिका के 12वें अंक का लोकार्पण

इस वर्ष सचिवालय ने 'विश्व हिंदी पत्रिका' के 12वें अंक (मुद्रित व इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप) का लोकार्पण किया। इस अंक में विश्व के विभिन्न देशों के हिंदी विद्वानों एवं लेखकों द्वारा प्रणीत 37 ज्ञानवर्धक आलेख सम्मिलित किए गए हैं, जो हिंदी उद्भव एवं विकास, लिपि, साहित्य और संस्कृति, हिंदी का ई-संसार और जन-माध्यम, हिंदी-शिक्षण, हिंदी के विविध आयाम, हिंदी के पथप्रदर्शक तथा हिंदी के क्षेत्र में आज के प्रश्न से संबंधित हैं। यह अंक सचिवालय के वेबसाइट www.vishwahindi.com पर उपलब्ध है।

पत्रिका के वार्षिक अंक का विमोचन

अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य-लेखन प्रतियोगिता

विश्व हिंदी दिवस 2021 के उपलक्ष्य में सचिवालय ने वर्ष 2020 में 'अंतरराष्ट्रीय व्यंग्य-लेखन प्रतियोगिता' का आयोजन किया था। 5 भौगोलिक क्षेत्रों से कुल 84 लोगों ने भाग लिया। समारोह में मॉरीशस के तीन विजेताओं (प्रथम पुरस्कार - सुश्री चांदनी रामधनी; द्वितीय पुरस्कार - श्रीमती बिद्वंती शम्भु; तृतीय पुरस्कार - सुश्री प्रेरणा आर्यनायक) तथा एक भारतीय विजेता (तृतीय पुरस्कार - श्री धर्मेंद्र कुमार सिंह) को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र भेंट किए गए। प्रतियोगिता का परिणाम सचिवालय के वेबसाइट www.vishwahindi.com पर उपलब्ध है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस वर्ष वाक्वा रंग भूमि कला मंदिर द्वारा 'शकुंतला' नाटक को विश्व हिंदी दिवस के मंच पर प्रस्तुत किया गया। 'शकुंतला' नाटक महाकवि कालिदास कृत विश्वविख्यात नाटक 'अभिज्ञान शाकुंतलम्' से प्रेरित है। इसमें राजा दुष्यंत तथा शकुंतला के प्रणय, विवाह, विरह, प्रत्याख्यान तथा पुनर्मिलन की कहानी है। नाटक को राजेश्वर सितोहल, साक्षी जीआन, जिज्ञासा देवी गणेश, वीर दिलीप शाह, शमिधा दाऊ, हुशिला देवी रिसोल, योगेश्वरी रामचरण, विदुषी बातु, सुगंधा दाऊ, लिनिशा देबिदोयाल, संजना लोतुआ, धर्मा सितोहल, जयवेश जद्दू, राजीव सितोहल, देयांशी सितोहल, मृणाल घुराऊ, गिरीशा गणेश, मिष्ठा रानी सिबालक, हाश्ना ठाकुरी तथा तुशिता मुचुराम ने प्रस्तुत किया।

- विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट