कार्यारंभ दिवस 2014

11 फ़रवरी, 2014 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग के सौजन्य से अपने कार्यारंभ दिवस की 6ठी वर्षगांठ मनाई। समारोह का आयोजन महात्मा गांधी संस्थान के सुब्रमण्यम भारती सभागार में हुआ। इस अवसर पर शिक्षा व मानव संसाधन मंत्री, माननीय डॉ. वसन्त कुमार बनवारी ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की गरिमा बढ़ाई तथा भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्री अनूप कुमार मुद्गल भी समारोह में उपस्थित थे।

इस वर्ष सचिवालय ने विशेष रूप से प्रख्यात हिंदी लेखक, पटकथाकार, निर्देशक, प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार के विजेता श्री उदय प्रकाश को आमंत्रित किया। इस अवसर पर महात्मा गांधी संस्थान के महानिदेशक श्री बिजय कुमार मधु, विश्व हिंदी सचिवालय की शासी परिषद के सदस्य श्री अजामिल माताबदल भी उपस्थित रहे। शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय के प्रधान सहायक सचिव, श्री मेधा गणपत; भारतीय उच्चायोग के द्वितीय सचिव (शिक्षा व भाषा), श्री मीमांसक; हिंदी संगठन के प्रधान, श्री राजनारायण गति; महात्मा गांधी संस्थान की निदेशिका, श्रीमती कुंजल; मॉरीशस के अनेक वरिष्ठ साहित्यकार; महात्मा गांधी संस्थान के प्राध्यापक व छात्र गण तथा मॉरीशस की शैक्षणिक, भाषा प्रचारक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सदस्य भी उपस्थित रहे।

विशेष अतिथियों का पुष्प गुच्छ के साथ स्वागत किया गया। समारोह का श्रीगणेश महात्मा गांधी संस्थान के स्कूल फ़ॉर पेर्फ़ोर्मिंग आर्ट्स, सेंटर फ़ॉर पेर्फ़ोर्मिंग आर्ट्स की कलाकार, श्रीमती ललिता गोपी द्वारा मधुर आवाज़ में सरस्वती वन्दना से हुआ।

सचिवालाय के कार्यवाहक महासचिव श्री गंगाधरसिंह सुखलाल ने सभागार में उपस्थित महानुभावों, गणमान्य अतिथियों, हिंदी प्रेमियों, शिक्षकों व छात्रों का स्वागत करते हुए विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना, उसके उद्देश्य, कार्यक्रम एवं गतिविधियों तथा भावी योजनाओं का एक संक्षिप्त परिचय दिया। साथ ही एक वीडियो प्रस्तुति द्वारा वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आमंत्रित अतिथि वक्ता श्री उदय प्रकाश के पूरे जीवन, उनके अनुभव व कार्य, उनकी रचनाओं व फ़िल्मों आदि का एक मनोरम परिचय दिया। प्रस्तुति में उनके फ़िल्म ‘मोहनदास’ का एक अंश भी चलाया गया।

महामहिम भारतीय उच्चायुक्त, श्री अनूप कुमार मुद्गल ने सचिवालय की वर्षगांठ के लिए बधाई दी। महामहिम जी ने सचिवालय की गतिविधियों की सराहना करते हुए अपने तथा भारतीय उच्चायोग के निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।

समारोह में उपस्थित मॉरीशसीय हिंदी साहित्यकारों ने श्री उदय प्रकाश के साथ भेंट कर हर्ष व्यक्त किया तथा अपनी रचानाएँ भी भेंट की। सचिवालय द्वारा श्री उदय प्रकाश के प्रति आभार स्वरूप एक भेंट प्रस्तुत किया गया।

श्री उदय प्रकाश एक प्रसिद्ध कवि, कथाकार, पत्रकार व फ़िल्मकार हैं। उनकी रचनाएँ अत्यन्त प्रसिद्ध हैं। कुछ कृतियों के अंग्रेज़ी, जर्मन, जापानी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद भी उपलब्ध हैं। लगभग सभी भारतीय भाषाओं में इनकी रचनाएँ अनूदित हैं। इनकी कई कहानियों का सफल मंचन हो चुका है। ‘उपरान्त’ तथा ‘मोहनदास’ कहानियों पर फीचर फ़िल्में भी बन चुकी हैं। श्री उदय प्रकाश कई टी.वी. धारावाहिकों के निर्देशक-पटकथाकार भी रहे हैं।

श्री उदय प्रकाश ने ‘‘वर्तमान हिंदी साहित्य : प्रवृत्तियाँ व दिशाएँ’’ पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। श्री उदय प्रकाश ने हिंदी साहित्य की चर्चा करते हुए अपनी रचनाओं के साथ-साथ उन रचनाओं पर बनी फ़िल्मों का भी उल्लेख किया। उन्होंने साहित्यिक रचना पर फ़िल्म निर्माण तथा पटकथा लेखन की प्रक्रिया, उसके नियम, समस्याओं आदि पर भी विस्तार दिया।

श्री उदय प्रकाश के साथ अन्य गतिविधियाँ

श्री उदयप्रकाश जैसे उच्च कोटि के विद्वान के सान्निध्य में साहित्य तथा सिनेमा की दुनिया तथा उसके संघर्ष के बारे में सीखने के अवसर का लाभ उठाते हुए सचिवालय ने अपनी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में श्री उदय प्रकाश के संचालन में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया।

10 फ़रवरी, 2014 को क्यूर्पिप स्थित हिंदू गर्ल्स कॉलेज तथा 14 फ़रवरी, 2014 को इलोट स्थित रबीन्द्रनाथ टैगोर संस्थान में हिंदी छात्रों के लिए एक ‘लेखक सम्मिलन’ का आयोजन किया गया। इस सम्मिलन से छात्रों को साहित्यकार होने के दायित्व, साहित्य रचना की प्रक्रिया तथा प्रतिभा, साहित्यकार के अनुभव, हिंदी रचना संसार तथा सिनेमा व पटकथा लेखन आदि के बारे में जानकारी मिली।

12 फ़रवरी, 2014 को महात्मा गांधी संस्थान के सुब्रमण्यम भारती सभागार में ‘सृजनात्मक लेखन से पटकथा लेखन तक’ पर आधारित एक-दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मॉरीशस के हिंदी विद्वान, हिंदी शिक्षकों, प्राध्यापकों व छात्रों तथा फ़िल्म निर्माण में रुचि रखने वालों ने बड़ी उत्साह से भाग लिया।

15 फ़रवरी, 2014 को श्री उदय प्रकाश के सान्निध्य पाय स्थित डी.ए.वी.डिग्री के शिक्षकों व छात्रों के लिए एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान कॉलेज के शिक्षकों तथा छात्रों के लिए अत्यन्त रुचिकर व लाभकारी रहा।

-विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट