कार्यारंभ दिवस 2021

11 फ़रवरी, 2021 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा, तृतीयक शिक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के संयुक्त तत्वावधान में सचिवालय के सभागार, फ़ेनिक्स में अपना 13वाँ आधिकारिक कार्यारंभ दिवस मनाया।

इस अवसर पर मॉरीशस की भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्रीमती के. नंदिनी सिंग्ला विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी श्री रवि मितुक ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस वर्ष मॉरीशस के महात्मा गांधी संस्थान से आई.सी.सी.आर. हिंदी पीठ डॉ. वेद रमण पाण्डेय को अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था।

समारोह का आरंभ महामहिम श्रीमती के. नंदिनी सिंग्ला तथा विश्व हिंदी सचिवालय में कार्यक्रम व गतिविधि उपसमिति की सदस्याएँ श्रीमती अनुपमा चमन और श्रीमती सुनीता पाहूजा द्वारा दीप-प्रज्वलन तथा स्वरागिनी स्पिरिचुअल ऑर्केस्त्रा के कलाकारों द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ।

महामहिम श्रीमती के. नंदिनी सिंग्ला ने इस अवसर पर सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व हिंदी सचिवालय की नींव भारत और मॉरीशस के मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों पर टिकी है। उन्होंने बताया कि मॉरीशस के स्कूलों में हिंदी का पठन-पाठन हिंदी की बहुत बड़ी उपलब्धि है।

महामहिम ने हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ाने हेतु सचिवालय को निम्नलिखित सुझाव दिए :

1. सचिवालय की गतिविधियों को युवा पीढ़ी से जोड़ा जाए। 2. स्कूल और कॉलिज के छात्रों के लिए हिंदी में प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँ और विजेताओं को मंचों पर पुरस्कृत किया जाए तथा रचनाएँ सचिवालय की पत्रिकाओं में प्रकाशित की जाएँ। 3. मॉरीशस की स्थानीय फ़्रेंच, अंग्रेज़ी और क्रियोल कहानियों का हिंदी में अनुवाद किया जाए। 4. विश्व हिंदी सचिवालय के ग्रंथालय एवं मॉरीशस के सभी पुस्तकालयों के लिए भारत से लोकप्रिय अमर चित्र कथा की पुस्तकें मंगवाएँ। 5. सचिवालय में मल्टीमीडिया लैब का भरपूर प्रयोग करें, जो युवा पीढ़ी के लिए मुख्य आकर्षण है। वरिष्ठ साहित्यकारों के लिए भी ऑनलाइन वीडियो बनवा सकते हैं, जो सोशल मीडिया पर अपलोड किए जा सकें। 6. सचिवालय के वेबसाइट की भाँति सोशल मीडिया एप्स जैसे ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि को संवादात्मक और ज्ञानवर्धक बनाएँ। 7. सचिवालय प्रसार भारती के संयुक्त सहयोग से योजनाएँ बनाएँ, जिनसे मॉरीशस और भारत के बीच हिंदी में प्रसारित कार्यक्रमों का आदान-प्रदान किया जा सके। 8. सचिवालय में कम-से-कम महीने में दो बार मूवी नाइट्स आयोजित करें तथा स्कूलों और कॉलिजों में भी मूवी शोज़ कराएँ, ताकि लोग हिंदी पर अपनी पकड़ बना सकें।

महामहिम भारतीय उच्चायुक्त ने मॉरीशस के विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों से अनुरोध किया कि वे विश्व हिंदी सचिवालय के साथ मिलकर नई योजनाएँ बनाएँ।

वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी श्री रवि मितुक ने इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों को संबोधित करते हुए सचिवालय के आधिकारिक कार्यारंभ दिवस की शुभकामनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदी सचिवालय एक आदर्श मंच प्रदान करता है, जहाँ हिंदी भाषा और उसकी प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर सम्मान प्रदान किया जाता है। उन्होंने भारत सरकार और मॉरीशस सरकार के बीच मौजूद द्विपक्षीय संबंध से हिंदी के वैश्विक स्तर पर प्रचार पर संतुष्टि जताई।

उन्होंने कहा कि "हिंदी भाषा तथा अन्य एशियाई व पूर्वी भाषाएँ निःसंदेह मंत्रालय की मुख्य और प्रमुख तत्काल कार्यों में से एक है।" उन्होंने हिंदी के उत्थान को संरक्षित करने में विश्व हिंदी सचिवालय की विभिन्न उपलब्धियों के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि "यह गर्व की बात है कि मॉरीशस में कविता न केवल पढ़ाई जाती है, बल्कि लिखी भी जाती है। मॉरीशसीय लेखक हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने हेतु कार्य कर रहे हैं और उन्हें मॉरीशस के साथ-साथ अन्य देशों में भी प्रसिद्धि प्राप्त हुई है।" श्री रवि मितुक ने यह आशा व्यक्त की कि हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य वैश्वीकरण के इस युग में अपने विकास के चरम पर पहुँचे तथा 20वीं शताब्दी हिंदी शताब्दी के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त करे।

डॉ. वेद रमण पाण्डेय ने 'कविता की प्रासंगिकता' विषय पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने कविता को परिभाषित करते हुए कहा कि "कविता ध्वनि, छंद और लय को मिलाकर लिखी जाती है। वह गतिशील होती है, जो समय के साथ बदलती है। कविता इस पूरे संसार को समग्रता से देखने की एक समग्र दृष्टि देती है।"

अपने स्वागत वक्तव्य में प्रो. विनोद कुमार मिश्र ने उपस्थित महानुभावों, गण्यमान्य अतिथियों, हिंदी प्रेमियों, शिक्षकों व छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना से जुड़े विभिन्न लोगों का उल्लेख करते हुए उनके संघर्ष पर बात की तथा भाषा और संस्कृति की सुरक्षा पर बल दिया।

गण्यमान्य अतिथियों के वक्तव्य के पश्चात् विश्व हिंदी सचिवालय की वार्षिक साहित्यिक पत्रिका 'विश्व हिंदी साहित्य' के तृतीय संस्करण का अतिथियों के हाथों लोकार्पण किया गया। समारोह में ‘वैश्विक हिंदी परिवार’ नामक अंतरराष्ट्रीय मंच के संयोजक तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष श्री अनिल जोशी की ओर से 'हिंदी का वैश्विक परिदृश्य' विषय पर एक वीडियो प्रस्तुति हुई।

कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी संस्थान के कलाकारों द्वारा हिंदी गान तथा ‘हे शार्दे माँ’ नृत्य-प्रस्तुति तथा स्वरागिनी स्पिरिचुअल ऑर्केस्त्रा के कलाकारों द्वारा गीत-प्रस्तुति हुई।

मंच-संचालन तथा धन्यवाद-ज्ञापन विश्व हिंदी सचिवालय की उपमहासचिव डॉ. माधुरी रामधारी ने किया।

- विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट