हिंदी दिवस 2022

14 सितंबर, 2022 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के तत्त्वावधान में तथा कला एवं सांस्कृतिक धरोहर मंत्रालय और महात्मा गांधी संस्थान के सहयोग से हिंदी दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर सचिवालय द्वारा आयोजित ‘हिंदी में बाल-गीत गायन’ प्रतियोगिता तथा ‘हिंदी में 1 से 50 तक की गिनती’ प्रतियोगिता हेतु पुरस्कार-वितरण-समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मॉरीशस के चारों ज़ोन्स के हिंदी छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। समारोह का शुभारंभ दीप-प्रज्वलन के साथ हुआ। समारोह की मुख्य अतिथि कला एवं सांस्कृतिक धरोहर मंत्री, माननीय श्री अविनाश तीलक रहे। इस अवसर पर भारतीय उच्चायुक्त, मॉरीशस तथा विश्‍व हिंदी सचिवालय की महासचिव, महामहिम श्रीमती के. नंदिनी सिंग्ला ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

कला एवं सांस्कृतिक धरोहर मंत्री, माननीय श्री अविनाश तीलक ने अपना वक्तव्य देते हुए प्रतियोगिता में भाग लेने पर सभी छात्रों को बधाई दी और हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि “विभिन्न समुदायों के बच्चों की प्रस्तुतियों को देखकर हमें पता चलता है कि हिंदी पूरे विश्व का है।” साथ ही, उन्होंने कहा कि “मनुष्य वो होता है जिसने सांस्कृतिक मूल्यों से ओत-प्रोत है। हिंदी शांति और अपनेपन की भाषा है। विभिन्न संस्थाओं ने हिंदी को पुष्पित और पल्लवित करने के उद्देश्य से कार्य किए हैं।”

महामहिम श्रीमती के. नंदिनी सिंग्ला ने अपने उद्बोधन में सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि “हिंदी में जोड़ने की ताकत है। इसमें महात्मा गांधी जी की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने वर्षों पहले ही दक्षिण अफ़्रीका में रहते हुए भी यह समझ लिया था कि हिंदी ही बहुभाषीय भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम कर सकती है। अपनी इसी ताक्त के कारण हिंदी भारत और मॉरीशस दोनों देशों की आज़ादी की लड़ाई की भाषा बनी। हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं है यह ज्ञान के भण्डार की द्वार है। यह भारतीय साहित्य, इतिहास और संस्कृति का तार है।”

शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधि के रूप में स्थाई सचिव, श्री युधिष्ठिर मनबोध ने अपने वक्तव्य में हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार में संगीत की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “यदि हमें हिंदी को जीवित रखना है तो हमें प्रेरणात्मक भाव से उसके हित में कार्य करना चाहिए। हिंदी के प्रति नवीन कार्य योजनाओं के द्वारा दूसरे व्यक्ति भाषा के प्रति उत्तेजित और जागृत हो जाते हैं।”

समारोह के प्ररम्भ में सचिवालय की उपमहासचिव, डॉ. माधुरी रामधारी ने सभागार में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि “हिंदी सम्पर्क भाषा के रूप में भारत के लोगों को और विश्व भर के भारतीय वंशजों को तथा भारतीय प्रवासियों को एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा है। हिंदी भाषा इतनी आगे बढ़ चुकी है कि अन्य भाषा-भाषी भी हिंदी से जुड़कर प्रेम और एकता के बंधन में बंध रहे हैं।”

बाल गीत गायन

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हिंदी में बाल-गीत गायन प्रतियोगिता के प्रतिभगियो द्वारा बाल-गीत प्रस्तुति हुई। सर्वप्रथम ‘ले शा बोते पूर्व-प्राथमिक पाठशाला’ से दुर्विश सुबोचन, मोहम्मद ज़ीशान मीया बदुल्ला, तीशना मोहबीर एवं नाथानियल एमानुएल कासिमीर ने ‘सुबह उठे मम्मी से बोले हम’ बाल-गीत की सुंदर प्रस्तुति की।

इसके पश्चात् ‘आंद्रे बाज़ेर्क पूर्व प्राथमिक सरकारी पाठशाला’ से ट्रेसी जेड राशेल कालीदिन, मेरी शानिया, लेआ एक्सेल वालायदन, ज़ाँ एसे एज़ेकियास जेसन बातुर तथा लेओन अलेक्जेंड्र केलियन एड्रियानी ने ‘एक कौवा प्यासा था’ की मनोरम प्रस्तुति की।

अगला बाल-गीत प्रस्तुति ‘ले पोमियें पूर्व प्राथमिक & डे केर सेंटर’ के छात्रों द्वारा हुआ। कौरव दोदी, युवनेशा देवी जूरी, भुवशिका ऑडिट तथा लक्षिका गंगाराम द्वारा ‘धोबी आया’ बाल-गीत की मनोरम प्रस्तुति की गई।

इसके बाद ‘ले पेची गामें’ पाठशाला से येशस्वी ताकूर्सिंह, अर्चिशा दुखू, लेशा बिसून एवं यानवी लछमन ने ‘ठंडी हवा चलाते पेड़’ नामक बाल-गीत की अद्भुत प्रस्तुति की।

इसके उपरांत, ‘सिते ला क्यूर पूर्व प्राथमिक पाठशाला’ से मूचियें मेरी विर्जिलेन राशेल, मेरी लॉरेना लवना बेबीलोन, मिलाज़र मेरी केमिलियाना एवं पेरिन मेरी ऑसी द्वारा ‘तितली उड़ी उड़ न सकी’ नामक बाल-गीत की उत्कृष्ट प्रस्तुति हुई।

इसके अतिरिक्त ‘पी.सी.के. आर्य वेदिक हिंदू एडड स्कूल’ से केश्वी चंदरदीप, त्रिशिका कोराले, दानेशा रामतोहल तथा थविश्का देवी नापोल द्वारा ‘तितली रानी’ नामक बाल-गीत की सुंदर प्रस्तुति हुई।

इसके उपरांत ‘लिटल किड्स क्लब’ से विवनराज चत्तू, जैस्नवी रानी गुमानी, जेशवीन वेंकाताचेलन और दानवी कियारा लक्ष्मी संदानम द्वारा ‘नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए’ नामक मनोरम बाल-गीत की प्रस्तुति हुई।

अगली बाल-गीत प्रस्तुति ‘ब्रिज़े वेरजियेर पूर्व प्राथमिक सरकारी पाठशाला’ से काशिका सीचर्न, एलीशा एंजल देबी, मेरी एमा इनाया डोमिंगो एवं फ़ाबियानो मेसोन राकोटोआरिमानाना की रही, जिन्होंने ‘चुन्नू मुन्नू हिंदी पढ़ लो’ की उत्कृष्ट प्रस्तुति की।

गिनती प्रतियोगिता

हिंदी दिवस के संदर्भ में विश्व हिंदी सचिवालय ने निम्न प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में 1 से 50 तक की गिनती प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के छात्रों ने बहुत उमंग के साथ भाग लिया। ‘पी.सी.के. आर्यन वेदिक हिंदू एडड स्कूल’ की तीसरी कक्षा की छात्रा युवना शर्मा रामधनी ने 1 से 50 तक की गिनती कर सभी को प्रभावित कर दिया।

रेडियो मॉरीशस और ताल एफ़.एम. की अध्यक्षा, डॉ. शशि दूकन ने अपने संबोधन में कहा कि “मीडिया जनता तक पहुँचने का एक सशक्त साधन है। रेडियो और टेलीविज़न ने एक लम्बे दौर को तय लिया और हिंदी को उच्च शिखर पर पहुँचाया है।”

लघु नाटिका तथा प्रमाणपत्र वितरण

मॉरीशस टापू में रेडियो के इतिहास तथा घर-घर में पहुँचकर आम जनता को जोड़ने की प्रक्रिया पर एम.बी.सी., मॉरीशस के कार्यकर्ताओं श्री विकास गौर, श्रीमती पद्मजा मेहता-रघुनंदन, श्रीमती नंदिनी गंगा-गनोवा, श्रीमती वेदिता पर्याग एवं श्रीमती नीतूशा रामप्रोगस द्वारा लघु नाटिका का प्रस्तुतीकरण किया गया।

इसके पश्चात्, सर्वप्रथम हिंदी में बाल-गीत गायन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। ‘ले शा बोते पूर्व-प्राथमिक पाठशाला’, ‘आंद्रे बाज़ेर्क पूर्व प्राथमिक सरकारी पाठशाला’ एवं ‘ले पोमियें पूर्व प्राथमिक & डे केर सेंटर’, ‘ले पेची गामें’, ‘सिते ला क्यूर पूर्व प्राथमिक पाठशाला’ को सांत्त्वन पुरस्कार प्रदान किया गया। ‘पी.सी.के. आर्य वेदिक हिंदू एडड स्कूल’ को प्रथम पुरस्कार, ‘लिटल किड्स क्लब’ को द्वितीय पुरस्कार तथा ‘ब्रिज़े वेरजियेर पूर्व प्राथमिक सरकारी पाठशाला’ को प्रथम पुरस्कार से अलंकृत किया गया।

इसके अतिरिक्त ‘हिंदी में 1 से 50 तक की गिनती’ प्रतियोगिता के विजेताओं को भी प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। ‘मॉरीशस हिंदी फ़ेडेरेशन’, ‘कावेंदिश इंस्टिट्यूट’, ‘जेम्स तुलसी सरकारी पाठशाला’, ‘बो नाकेय आर.सी.ए.’ एवं ‘पी.सी.के आर्यन वैदिक हिंदू एडड पाठशाला’ को सांत्त्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। ‘मोहनलाल मोहित सरकारी पाठशाला’ के वैदीश ध्रुव सीबरत को तृतीय पुरस्कार, ‘कात्र सेयर सरकारी पाठशाला’ की हिया देवी गोपोलोल को द्वितीय पुरस्कार तथा ‘पी.सी.के आर्यन वैदिक हिंदू एडड पाठशाला’ की युवना शर्मा रामधनी को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस अवसर पर डॉ. शशि दुकन, श्री विकास गौर, श्री केसन बधु, श्रीमती चित्राबाई रामा, श्रीमती देवजानी बिसेसर, श्री संजय घूरा, श्रीमती पद्मिनी रगोबर के कार्यकर्ताओं तथा एम.बी.सी के पूर्व कार्यकर्ताओं - श्रीमती सुचिता रामदिन, श्री दीपक नोबिन, श्री बी.एस. एयरगा, श्रीमती भारती देवी रामजतन, श्रीमती चंद्राणी नोबिन, डॉ. वीनू अरुण, श्री सूर्यदेव सिबोरत, डॉ. उदय नारायण गंगू, श्रीमती विद्या जसरत, श्रीमती अलिमचंद दानसिंघानी शेला, श्रीमती कमला मोहादेब, डॉ. हेमराज सुंदर, डॉ. देवभरत सिरतन, श्रीमती अनिला हरी, श्रीमती श्वेता बाबूलाल, श्रीमती रुमा भीरू, श्री सुरेंद्र सत्यब्रत बृजमोहन, डॉ. इंद्रदेव भोला इंद्रनाथ, श्रीमती मीरा रामदिन, श्रीमती पद्मिनी रगोबर, श्री सुरेन रघू, श्री सत्येन केसो, श्री रामदेव धुरंधर, श्री साउद गूनू, श्रीमती प्रनिता दुमन, श्री सुरेश रामबर्न, श्री सत्यदेव प्रीतम एवं श्रीमती रानी नाथू को सम्मानित किया गया।

समारोह का संचालन तथा धन्यवाद-ज्ञापन, विश्व हिंदी सचिवालय की उपमहासचिव, डॉ. माधुरी रामधारी ने किया।

- विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट