आईसीटी कार्यशाला 2014

शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के संयुक्त तत्वावधान में तथा महात्मा गांधी संस्थान व मॉरीशस इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन के सौजन्य से विश्व हिंदी सचिवालय ने 7 से 10 अप्रैल, 2014 तक प्राथमिक पाठशाला के हिंदी शिक्षकों के लिए ‘‘हिंदी शिक्षण तथा सूचना-संचार प्रौद्योगिकी संगोष्ठी-कार्यशाला’’ का आयोजन किया।

संगोष्ठी-कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को हिंदी और आई.सी.टी. के नवीनतम उपकरणों और उनके उपयोग की विधियों से अवगत कराना रहा जिससे हिंदी शिक्षण के उन्नयन का मार्ग और प्रशस्त हो सके। इस कार्यशाला के दौरान लगभग 500 शिक्षकों को यूनिकोड, फॉण्ट, हिंदी टंकन, इंस्क्रिप्ट, न्यू मीडिया, सोशल नेटवर्किंग साइट के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया।

संगोष्ठी-कार्यशाला का संचालन भारत के तकनीकविद् व आई.सी.टी. विशेषज्ञ, श्री बालेन्दु शर्मा दाधीच तथा विश्व हिंदी सचिवालय, महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन तथा शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा किया गया। संगोष्ठी-कार्यशाला का उद्घाटन समारोह

संगोष्ठी-कार्यशाला का उद्घाटन समारोह 7 अप्रैल, 2014 को इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, फ़ेनिक्स के भव्य सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर शिक्षा व मानव संसाधन मंत्री का प्रतिनिधित्व करते हुए, श्री मेधा गणपत ने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा बढ़ाई। अवसर पर भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्री अनूप कुमार मुद्गल, महात्मा गांधी संस्थान के महानिदेशक; श्री बिजय कुमार मधु, मॉरीशस इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन के निदेशक; श्री ओमनाथ वर्मा भी मंच पर उपस्थित थे।

प्रस्तुतिकरण के पश्चात् सभी महानुभावों, अतिथियों व प्रतिभागी शिक्षकों का अतिथि विशेषज्ञ व तकनीकविद् श्री बालेन्दु शर्मा दाधीच के प्रस्तुतिकरण से ही समारोह स्वागत करते हुए कार्यवाहक महासचिव, श्री गंगाधरसिंह सुखलाल ने सचिवालय की पिछली उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए, इस आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर विश्व हिंदी सचिवालय के कार्यवाहक महासचिव, श्री गंगाधरसिंह सुखलाल ने शिक्षा व मानव संसाधन मंत्री, माननीय डॉ. वसन्त कुमार बनवारी का संदेश पढ़कर सुनाया। माननीय मंत्री जी ने अपने संदेश में सचिवालय को बधाई देते हुए कहा ‘‘मेरी बधाई आप शिक्षकों को भी जाएगी… क्योंकि आप इस ऐतिहासिक योजना के सबसे ज़रूरी खिलाड़ी हैं… आपके ही माध्यम से हम इस देश में हिंदी शिक्षा को एक नयी ऊँचाई तक ले जा सकेंगे।’’ भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्री अनूप कुमार मुद्गल ने आई.सी.टी. की उपयोगिता तथा लाभ की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे पास सभी औज़ार हैं, उपकरण हैं, लेकिन उसका प्रयोग कैसे किया जाए उसका ज्ञान होना आवश्यक है। संगोष्ठी-कार्यशाला में छोटे से लेकर बड़े, अलग-अलग पीढ़ी के शिक्षक उपस्थित थे और उन सभी को एक साथ इकट्ठा कर आई.सी.टी. के उपकरणों का प्रयोग करने का प्रशिक्षण देना अपने आप में विशेष है।

महात्मा गांधी संस्थान के महानिदेशक, श्री बिजय कुमार मधु ने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘सचिवालाय द्वारा आयोजित यह एक ऐतिहासिक गतिविधि है जिसके आयोजन में सहयोग देना महात्मा गांधी संस्थान के लिए गर्व की बात है।”

मॉरीशस इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन के निदेशक, श्री ओमनाथ वर्मा ने अपने उद्बोधन में शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय का धन्यवाद देते हुए, सचिवालय की परियोजना की सराहना की। श्री वर्मा ने कहा ‘‘मॉरीशस इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन को संगोष्ठी-कार्यशाला में सहयोग प्रदान करने तथा सॉकोरे (Sankoré)परियोजना पर इंस्टिट्यूट द्वारा प्रस्तुतिकरण का अवसर देने के लिए मंत्रालय तथा सचिवालय के प्रति आभार।’’

समारोह में सचिवालय की शासी परिषद के सदस्य, श्री अजामिल माताबदल; श्री मीमांसक, द्वितीय सचिव, भारतीय उच्चायोग; महात्मा गांधी संस्थान के प्राध्यापक; हिंदी प्रचारिणी सभा, हिंदी संगठन, आर्य सभा व मॉरीशस के अन्य शैक्षिक व भाषा प्रचारक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सदस्य उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्री बालेन्दु शर्मा ने उपस्थित महानुभावों को अपनी पुस्तक ‘तकनीकी सुलझनें’ भेंट की।

समारोह का संचालन, श्री कुमारदत्त गुदारी ने किया।

संगोष्ठी

उद्घाटन समारोह के समापन के साथ ही संगोष्ठी का औपचारिक उद्घाटन भी हुआ। संगोष्ठी विभिन्न विषयों पर आधारित रहा जिसका संचालन श्री बालेन्दु शर्मा, श्री कुमारदत्त गुदारी, श्री गंगाधरसिंह सुखलाल तथा श्री अश्विन जादू व सुश्री वरुणा अनथ ने किया। संगोष्ठी के अंतर्गत प्रतिभागी शिक्षकों को हिंदी तथा सूचना-संचार प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों व संभावनाओं से अवगत कराया गया, टेक्नो-पेडागोजी विषय के अंतर्गत यह समझाया गया कि कक्षाओं में प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन व आई.सी.टी. आधारित शिक्षण सहायक सामग्री की तैयारी कैसे की जाए, हिंदी शिक्षण के उन्नयन हेतु उपलब्ध संसाधनों के प्रयोग के तरीके, अपने कंप्यूटर पर यूनिकोड व हिंदी (प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर, फ़्रीवेर, फॉण्ट) का प्रयोग कैसे किया जाए तथा इंस्क्रिप्ट माध्यम से यूनिकोड में हिंदी टंकन कैसे किया जाए, इस पर विस्तार दिया गया।

हिंदी टंकन के लिए श्री बालेन्दु शर्मा ने विशेष रूप से संगोष्ठी-कार्यशाला के लिए ‘‘वर्चुअल हिंदी टाइपराइटर’’ सॉफ्टवेयर का निर्माण किया। यह सॉफ्टवेयर प्रतिभागियों को नि:शुल्क बाँटा गया।

कार्यशाला (9-10 अप्रैल, 2014)

9 से 10 अप्रैल, 2014 को कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी संस्थान के सुब्रमण्यम् भारती सभागार तथा अन्य पांच कक्षाओं में हुआ। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को संगोष्ठी के अंतर्गत चर्चित विषयों पर अभ्यास करवाया गया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला में वर्चुअल हिंदी सामग्रियों का निर्माण भी किया।

तत्पश्चात् संस्थान में इंटरैक्टीव प्रोजेक्टर युक्त कुछ कक्षाओं में शिक्षकों को इंटरैक्टीव प्रोजेक्टर के प्रयोग का तकनीक सिखाया गया, साथ ही इसपर अभ्यास भी करवाया गया।

कार्यशाला (11 अप्रैल, 2014)

कार्यशाला की सफलता व गुणवत्ता को देखते हुए मॉरीशस के निरीक्षकों ने सचिवालय से ऐसी ही कार्यशाला के आयोजन का अनुरोध किया। चूँकि ये निरीक्षक ही अध्यापकों का मार्गदर्शन करते हैं, उनके लिए कार्यशाला में अध्यापकों को दी गई जानकारियाँ व प्रशिक्षण का ज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य व समीचीन हो जाता है। 11 अप्रैल, 2014 को महात्मा गांधी संस्थान में हिंदी निरीक्षकों के लिए हिंदी तथा सूचना-संचार प्रौद्योगिकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन उपरोक्त विशेषज्ञों ने ही किया।