विश्व हिंदी सचिवालय का 17वाँ कार्यारम्भ दिवस
12 फ़रवरी, 2025 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्रालय और भारतीय उच्चायोग के तत्त्वावधान में तथा कला एवं संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से अपने आधिकारिक कार्यारम्भ की 17वीं वर्षगाँठ के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर महामहिम श्री धरमबीर गोकुल, मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि तथा महामहिम श्री अनुराग श्रीवास्तव, भारतीय उच्चायुक्त, मॉरीशस विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस वर्ष बीज-वक्ता के रूप में तिरुवनन्तपुरम, भारत से प्रो. (डॉ.) एस. तंकमणि अम्मा, अध्यक्षा, भारतीय हिंदी अकादमी को आमंत्रित किया गया था।
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डॉ. माधुरी रामधारी, महासचिव, विश्व हिंदी सचिवालय ने अपने स्वागत-भाषण में कार्यक्रम में उपस्थित गण्यमान्य अतिथियों का स्वागत किया और सचिवालय की उपलब्धियों पर चर्चा की।
कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा प्रकाशित विश्व हिंदी साहित्य 2024, डॉ. बलराम गुप्ता और डॉ. अमित कुमार गुप्ता द्वारा रचित ‘कल्पना लालजी के साहित्य में गिरमिटिया महाकाव्य’ पुस्तक तथा डॉ. मीरा सिंह कृत ‘जीवन प्रवाह’ एवं ‘लक्षिता’ पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।
विश्व हिंदी सचिवालय के आधिकारिक कार्यारम्भ की 17वीं वर्षगाँठ के अवसर पर विश्व के विभिन्न देशों से प्राप्त बधाई-गीत को वीडियो रूप में प्रस्तुत की गई।
डॉ. शुभंकर मिश्र, उपमहासचिव, विश्व हिंदी सचिवालय ने धन्यवाद-ज्ञापन किया तथा श्री प्रकाश वीर, वरिष्ठ सहायक संपादक, विश्व हिंदी सचिवालय ने मंच-संचालन किया।
कार्यशाला
आधिकारिक कार्यारम्भ की 17वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में सुबह 9 बजे से 'तुलसीदास के काव्य का पठन-पाठन' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। कार्यशाला की विशेषज्ञ प्रो. (डॉ.) एस. तंकमणि अम्मा रहीं।
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फ़िलाडेल्फिया, अमेरिका से डॉ. मीरा सिंह, संस्थापक, ‘अंतर्राष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रवाह’ तथा मॉरीशस से डॉ. विनोद बाला अरुण, अध्यक्षा, रामायण सेंटर एवं पूर्व महासचिव, विश्व हिंदी सचिवालय ने भी कार्यशाला में भाग लिया।
कार्यशाला के अंतर्गत मॉरीशस के विभिन्न माध्यमिक पाठशालाओं के छात्रों एवं शिक्षकों द्वारा बालकांड के दोहों की प्रस्तुति की गई।