भारत और मॉरीशस सरकार की द्विपक्षीय संस्था     A Bilateral Organization of the Government of India and the Government of Mauritius
World Hindi Secretariat


 
विश्व हिंदी सचिवालय के मुख्यालय का उद्घाटन
 
13 मार्च, 2018 को फ़ेनिक्स, मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय मुख्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन भारत गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री राम नाथ कोविन्द के कर-कमलों द्वारा मॉरीशस गणराज्य के प्रधान मंत्री, माननीय श्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समारोह का आयोजन मॉरीशस सरकार द्वारा किया गया था।

इस अवसर पर शिक्षा व मानव संसाधन, तृतीयक शिक्षा व वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री, माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन व मॉरीशस सरकार के अन्य माननीय मंत्रीगण तथा मंत्रालयों के स्थाई सचिव व अधिकारीगण, मॉरीशस के हिंदी विद्वान, साहित्यकार, लेखक, शैक्षणिक, प्रचारक, प्राध्यापक व छात्र तथा हिंदी- प्रेमियों ने समारोह की शोभा बढ़ाई। महामहिम राष्ट्रपति के साथ आए हुए प्रतिनिधिमंडल में भारतीय पक्ष की ओर से भारत सरकार के मंत्रालयों के अधिकारीगण व पत्रकार भी समारोह में उपस्थित थे।

इस अवसर पर भारत गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री राम नाथ कोविन्द का वक्तव्य मॉरीशसीय जनता व विश्व हिंदी सचिवालय हेतु अत्यन्त प्रेरणादायक व प्रभावोत्पादक रहा। उन्होंने मॉरीशस की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगाँठ के समारोह पर प्राप्त आमंत्रण पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामनाएँ दीं। भारत और मॉरीशस के संबंधों पर उन्होंने कहा कि ‘‘इस अवसर पर यह भी संकल्प दोहराना चाहता हूँ कि भविष्य में भी हम एक दूसरे का सहयोग करते हुए आपसी समर्थन जारी रखेंगे।’’ महामहिम ने हिंदी भाषा की महत्ता पर भी बात की - ‘‘भारत और मॉरीशस दोनों देशों के समाज और संस्कृति में हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। हिंदी के माध्यम से विश्व भर में फैले आप्रवासी भारतीयों ने अपने संस्कारों और परम्पराओं को सहेजा है और आनेवाली पीढ़ियों को इससे जोड़ा है। इसी कारण आज हिंदी विश्व के एक बड़े समुदाय के जीवन में घुली-मिली है तथा ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना हिंदी भाषा की सोच का हिस्सा है।’’ साथ ही आप्रवासियों का उल्लेख करते हुए हिंदी के संघर्ष की बात की।

उन्होंने हिंदी के प्रचार व उन्नयन हेतु भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयत्नों का उल्लेख किया - ‘‘भारत सरकार में काम-काज और संवाद के अलावा विज्ञान, तकनीकी, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भी हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं।’’ महामहिम ने अपने संबोधन में मॉरीशस में तीसरी बार आयोजित होनेवाले 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन पर मॉरीशस तथा भारत के बीच मैत्री संबंध को उजागर किया - ‘‘ये सम्मेलन तीसरी बार आयोजित होने जा रहा है। यह आप सबके गहरे हिंदी-प्रेम का प्रमाण है।’’ उन्होंने भारत सरकार के सहयोग से मॉरीशस में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया तथा भावनात्मक एकता के ठोस आधार पर टिके हुए इन दो देशों के संबंधों को मज़बूत बताया। भारत और मॉरीशस को वे संयुक्त परिवारों के रूप में देखते हैं -‘‘विभिन्न भाषा और धर्म के लोग शांति और सद्भावना के साथ रहते हैं। विभिन्नता में एकता हमारी सांस्कृतिक पहचान रही है।’’ अपने वक्तव्य को समाप्त करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों देशों की यह मित्रता और भी मज़बूत होगी और दोनों देशों के हिंदी प्रेमी इस प्रगाढ़ता को बढ़ाने में सहयोग करते रहेंगे।’’

मॉरीशस गणराज्य के प्रधान मंत्री, माननीय श्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ ने इस समारोह में भाग लेने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने दो देशों की मित्रता व सहयोगपूर्वक संपन्न कार्यों पर बात की - ‘‘मैं भारतीय सरकार के प्रति आभारी हूँ, जिन्होंने विकास, नवाचार तथा सहयोग हेतु महत्त्वपूर्ण भागीदारी निभाई।’’ विश्व हिंदी सचिवालय के भवन-निर्माण के साथ भारत तथा मॉरीशस के संबंधों में आई सुढृढ़ता के विषय में उन्होंने कहा - ‘‘फ़ेनिक्स में स्थापित रूप एवं सांस्कृतिक महत्त्व वाला यह उत्कृष्ट इमारत भारत और मॉरीशस के मज़बूत संबंध का जीता-जागता प्रतीक है।’’ उन्होंने विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना पर बात की तथा आगामी 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन की चुतौतियों को व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन द्वारा हिंदी लेखक, प्रकाशक आदि लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त समारोह में मॉरीशसीय सरकार द्वारा तैयार दो महत्त्वपूर्ण परियोजना के लोकार्पण पर कहा कि ‘‘मुझे खुशी है कि भारत से हमारे संबंध केवल भाषा एवं संस्कृति के क्षेत्र पर ही नहीं वरन् प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी सुदृढ़ हो रहे हैं।’’ अंत में उन्होंने कहा कि भारत से मॉरीशस का संबंध व्यापार से कहीं आगे है तथा यह बहुआयामी जुड़ाव पैतृक संबंधों और पारस्परिक मूल्यों पर स्थापित है।

समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल से लोक सभा सदस्य, माननीय श्री हुकुम देव नारायण यादव ने अपने वक्तव्य में भारत तथा मॉरीशस के सशक्त बिन्दुओं को रेखांकित किया। उन्होंने दो देशों को जोड़ने का श्रेय भाषा को दिया तथा मॉरीशस में आप्रवासियों के इतिहास की चर्चा भी की। उन्होंने भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए - ‘‘दो देशों में रहते हुए भी हमारे अन्तर्मन जुड़े हुए हैं।’’

शिक्षा व मानव संसाधन, तृतीयक शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री, माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन ने कार्यक्रम के आरंभ में अपने स्वागत्-वक्तव्य में विश्व हिंदी सचिवालय के भवन उद्घाटन तथा मॉरीशसीय सरकार की परियोजनाओं के शुभारंभ पर अपनी संतुष्टि व प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने मॉरीशस के विकास में भारत के सहयोग की सराहना भी की। महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंदी भाषा के उज्ज्वल भविष्य पर बात की - ‘‘आज आपके हाथों से सचिवालय के इस भवन का द्वार खुलेगा। तब उसके साथ विश्व हिंदी के भविष्य के बहुत सारे द्वार खुलेंगे तथा जब सचिवालय का लोगो मिलेगा, तो विश्व हिंदी समाज को पहली बार एक सामूहिक अस्मिता मिलेगी।’’ आगे उन्होंने भवन-निर्माण के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया - ‘‘सचिवालय का यह भवन केवल सीमेंट और पत्थर की नींव पर नहीं बना, बल्कि इस इमारत की नींव में दुनिया भर के हिंदी प्रेमियों की आशाएँ हैं। साथ ही इसमें मॉरीशस और भारत के अनगिनत ऐा÷ लोगों की महनत है, जिन्होंने अपनी दृष्टि, ज्ञान, कर्तव्य और कला से इस संस्था की कल्पना को इसकी स्थापना और संचालन में योगदान दिया।’’ उन्होंने भारतीय सरकार तथा समस्त भारतीय संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का संचालन महात्मा गांधी संस्थान के हिंदी विभागाध्यक्ष, श्री गंगाधरसिंह सुखलाल ने किया। आरंभ में उन्होंने मुख्य अतिथि, विशेष अतिथियों व सभागार में उपस्थित सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक स्वागत् करते हुए विश्व हिंदी सचिवालय के मुख्यालय के उद्घाटन को एक बड़ा कदम बताया।



इस अवसर पर दोनों देशों की मित्रता को महात्मा गांधी संस्थान के कलाकारों द्वारा कथक, भरतनाट्यम एवं कुचिपुड़ी नृत्य शैलियों के संगम से ‘मिलाप… हमारी भावपूर्ण भेंट’ नृत्य के रूप में प्रदर्शित किया गया। इसके बाद दोनों देशों के ऐतिहासिक सहयोग के उदाहरण दर्शाते, विश्व हिंदी सचिवालय, प्रारम्भिक डिजिटल अध्ययन योजना, छात्र सहायता योजना एवं सामाजिक आवास परियोजना पर एक वीडियो प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम में भारत के महामहिम राष्ट्रपति तथा मॉरीशस के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा विश्व हिंदी सचिवालय के प्रतीक चिह्न तथा प्रारम्भिक डिजिटल अध्ययन योजना व छात्र सहायता योजना का लोकार्पण और 2 सामाजिक आवास परियोजनाओं के शुभारंभ हेतु स्मारक पट्ट का अनावरण किया गया।

महामहिम श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा माननीय श्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ की उपस्थिति में विश्व हिंदी सचिवालय मुख्यालय के स्मारक पट्ट का अनावरण किया गया। इसके पश्चात् महामहिम भारतीय राष्ट्रपति के कर कमलों द्वारा सचिवालय के नए भवन का उद्घाटन फ़ीता काटकर किया गया।
श्री गंगाधरसिंह सुखलाल द्वारा धन्यवाद-ज्ञापन के साथ ही कार्यक्रम संपन्न हुआ।

विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट

 
विश्व हिंदी सचिवालय को संदेश भेजें फ़ेसबुक पर जुड़ें संपर्क का विवरण
प्रेषक का नाम World Hindi Secretariat
Independance Street,
Phoenix, 73423
Mauritius.
Phone: +230 660 0800
आपका ईमेल
विषय
संदेश Website developed, designed and hosted by: ConvergI