भारत और मॉरीशस सरकार की द्विपक्षीय संस्था     A Bilateral Organization of the Government of India and the Government of Mauritius
World Hindi Secretariat


 
कवि सम्मेलन
 

 

विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन

13 फ़रवरी, 2017 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा व मानव संसाधान, तृतीयक शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय, भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस तथा कला एवं संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, फ़ेनिक्स में एक भव्य कवि-सम्मेलन का सफल आयोजन किया।

मॉरीशस तथा भारत से पधारे कवियों ने अपनी प्रस्तुति से इस काव्य-संध्या की शोभा बढ़ाई। मॉरीशस से डॉ. हेमराज सुन्दर, श्री राज हीरामन, श्री साबीर गुदर, श्री धनराज शम्भु व श्रीमती कल्पना लालजी तथा भारत से श्री लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, श्री दीक्षित दनकौरी, श्री सुशील ठाकुर साहिल, डॉ. विवेक गौतम, डॉ. आशीष कंधवे व सुश्री ममता किरण सभागार के विशाल मंच पर विराजमान थे।

अवसर पर व्यापार, उद्योग व सहकारिता मंत्री, माननीय श्री सुमीलदत्त भोला, भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्री अभय ठाकुर व श्रीमती सुरभी ठाकुर, मंत्रालय के अधिकारी गण, सचिवालय के आधिकारिक कार्यारंभ दिवस के अवसर पर आमंत्रित अतिथि वक्ता श्री अतुल कोठारी, मॉरीशस की हिंदी शैक्षणिक व हिंदी प्रचारक संस्थाओं के अधिकारी गण व सदस्य, मॉरीशस के काव्य-रसिक आदि काव्य-संध्या का रसास्वादन करने के लिए उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि श्री लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने की। मंच का संचालन भारत से पधारे कवि डॉ. विवेक गौतम तथा डॉ. नूतन पाण्डेय, द्वितीय सचिव (शिक्षा व भाषा), भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विश्व हिंदी सचिवालय के महासचिव, प्रो. विनोद कुमार मिश्र के स्वागत वक्तव्य से हुआ। प्रो. मिश्र ने अपने स्वागत वक्तव्य में बड़े ही मधुर शब्दों में कवियों व श्रोताओं का अभिनन्दन किया।

तत्पश्चात डॉ. नूतन पाण्डेय ने अति कलापूर्ण रीति से मंच का संचालन करते हुए मॉरीशस के कवियों का बारी-बारी से आकर्षक परिचय दिया। भारत से पधारे श्री विवेक गौतम ने भारतीय कवियों का बड़े भावभीने शब्दों में परिचय दिया।

कवियों ने अपने मधुर स्वरों में कविता-पाठ और ग़ज़ल-गान द्वारा उपस्थित काव्य-रसिकों को घंटों तक मंत्र-मुग्ध कर दिया।

15 फ़रवरी, 2017 को ऋषि दयानंद संस्थान में आयोजित एक कवि-सम्मेलन में पुनः इन कवियों की कविताओं का रसास्वादन करने का अवसर प्राप्त हुआ। इनके अतिरिक्त मॉरीशस से श्रीमती सत्यवती सीता रामयाद, श्रीमती अंजु घरभरन एवं श्रीमती सौभाग्यवती धनुकचंद ने भी अपनी-अपनी रचनाओं को बड़े ही प्रभावशाली स्वरों में व्यक्त किया।

डॉ. उदय नारायण गंगू, ओ.एस.के, आर्य रत्न की रिपोर्ट

 
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