10 जनवरी, 2019 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा व मानव
संसाधन, तृतीयक शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय तथा भारतीय
उच्चायोग, मॉरीशस के संयुक्त तत्वावधान में इंदिरा गांधी भारतीय
सांस्कृतिक केंद्र, फ़ेनिक्स में विश्व हिंदी दिवस समारोह का भव्य
आयोजन किया। समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलन एवं मॉरीशस तथा भारत के
राष्ट्र गान से हुआ।
समारोह
के मुख्य अतिथि मॉरीशस गणराज्य के कार्यवाहक राष्ट्रपति, महामहिम श्री
परमशिवम पिल्लै वयापुरी, जी.ओ.एस.के. रहे। इस अवसर पर शिक्षा व मानव
संसाधन, तृतीयक शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री, माननीया श्रीमती
लीला देवी दुकन-लछुमन, कला एवं संस्कृति मंत्री, माननीय श्री
पृथ्वीराजसिंह रूपन तथा भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्री तन्मय लाल ने
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
सचिवालय ने इस वर्ष विश्व हिंदी दिवस के विशेष अवसर पर अतिथि वक्ता के
रूप में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के मध्य एशिया और इस्लाम अध्ययन विभाग
में दक्षिण एशियाई भाषा कार्यक्रम की संयोजिका, प्रो. गब्रिएला निक
इलिएवा को हिंदी प्रेमियों के समक्ष प्रस्तुत किया।
मॉरीशस
गणराज्य के कार्यवाहक राष्ट्रपति, माननीय श्री परमशिवम पिल्लै वयापुरी
ने सभी को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने अपने वक्तव्य
में कहा कि गर्व की बात है कि पूरे विश्व में हिंदी भाषा को पहचान मिल
रही है, लाखों लोगों द्वारा बोली जाने वाली सुन्दर भाषा है - हिंदी।
प्रो. गब्रिएला निक इलिएवा ने 'इक्कीसवीं सदी में हिंदी-शिक्षण की नई
दृष्टि : अमेरिका के संदर्भ में' विषय पर वक्तव्य देते हुए वहाँ पर
हिंदी के प्रचार-प्रसार में हो रहे कार्यों व प्रयासों पर बात की। साथ
ही उन्होंने अपने देश के संदर्भ में भाषा, उसकी चुनौतियों, विकास,
प्रवासी समुदाय में भाषा की स्थिति आदि पर प्रकाश डाला।
माननीया
श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन ने सभी को विश्व हिंदी दिवस की
शुभकामनाएँ देते हुए विश्व हिंदी सचिवालय की गतिविधियों की सराहना की।
उन्होंने 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन की सफलता हेतु सम्मेलन में योगदान
देने वाले हर व्यक्ति, हर संस्था और पूरे देश को बधाई दी।
माननीया मंत्री ने कहा कि "हिंदी को नई ऊँचाई तक पहुँचाने के इस कार्य
में मॉरीशस के साथ ही मार्गदर्शक के रूप में भारत सरकार का सहयोग अनमोल
है। दोनों देश अपनी साझा विरासत, अपनी हिंदी को दुनिया में फैलाने के
लिए कदम-से-कदम मिलाते हुए आगे बढ़े हैं।"
मॉरीशस
में नवनियुक्त भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्री तन्मय लाल ने इस अवसर
पर भारत गणराज्य के प्रधान मंत्री, महामहिम श्री नरेंद्र मोदी का संदेश
पढ़कर सुनाया।
अपने उद्बोधन में महामहिम ने मॉरीशस की हिंदी भाषा को सम्मानित और
प्रशंसनीय बताया। उन्होंने सचिवालय की उपलब्धियों की सराहना भी की।
कला एवं संस्कृति मंत्री, माननीय श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन ने मॉरीशस
में हिंदी के विकास तथा हिंदी के क्षेत्र में हो रहे आयोजनों एवं
गतिविधियों के महत्त्व पर बात की। उन्होंने सचिवालय के कार्यों के लिए
अपने मंत्रालय के समर्थन का आश्वासन दिया।
समारोह
के आरम्भ में सचिवालय के महासचिव, प्रो. विनोद कुमार मिश्र ने उपस्थित
महानुभावों व सभी अतिथियों का स्वागत किया और सभी को विश्व हिंदी दिवस
की शुभकामनाएँ देते हुए सचिवालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी
यात्रावृत्तांत प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की।
विश्व हिंदी पत्रिका के 10वें अंक का लोकार्पण
इस
वर्ष सचिवालय ने अपने वार्षिक प्रकाशन 'विश्व हिंदी पत्रिका' के 10वें
अंक (मुद्रित व वेब प्रारूपों) का लोकार्पण किया।
इस अंक में विश्व के विभिन्न प्रदेशों के हिंदी विद्वानों एवं लेखकों
द्वारा प्रणीत 35 ज्ञानवर्धक आलेख सम्मिलित किए गए हैं, जो हिंदी के
स्वरूप, हिंदी साहित्य, भारतीय संस्कृति, हिंदी-शिक्षण, हिंदी में शोध,
सूचना-संचार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिंदी, हिंदी के विविध
आयाम तथा विशेष रूप से विश्व हिंदी सम्मेलनों के उद्देश्यों,
गतिविधियों एवं अनुशंसाओं से संबंधित हैं। यह अंक सचिवालय के वेबसाइट
www.vishwahindi.com पर उपलब्ध है।
अंतरराष्ट्रीय यात्रावृत्तांत प्रतियोगिता
विश्व
हिंदी दिवस 2019 के उपलक्ष्य में सचिवालय ने वर्ष 2018 में
'अंतरराष्ट्रीय हिंदी यात्रावृत्तांत प्रतियोगिता' का आयोजन किया था।
प्रतियोगिता को 5 भौगोलिक क्षेत्रों में बाँटा गया था- 1. अफ़्रीका व
मध्य पूर्व, 2. अमेरिका, 3. एशिया व ऑस्ट्रेलिया (भारत के अतिरिक्त),
4. यूरोप, 5. भारत। सभी क्षेत्रों से कुल 76 लोगों ने भाग लिया।
समारोह में मॉरीशस के तीन विजेताओं (प्रथम पुरस्कार - डॉ. कुमारदत्त
गुदारी; द्वितीय पुरस्कार - श्री आकाश आर्यनायक; तृतीय पुरस्कार - डॉ.
सोमदत्त काशीनाथ) को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र भेंट किए गए।
प्रतियोगिता के परिणाम सचिवालय के वेबसाइट www.vishwahindi.com पर
उपलब्ध हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस
वर्ष इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों द्वारा नृत्य
नाटिका 'सूर दृष्टि' को विश्व हिंदी दिवस के मंच पर प्रस्तुत किया
गया। 'सूर दृष्टि' भक्तिकालीन कवि सूरदास की लेखनी पर आधारित श्री
कृष्ण की नृत्यमय कथा है।
कृष्ण जन्म से आरम्भ होकर, माखन-चोरी, कालिया-मर्दन, गोवर्धन,
राधा-कृष्ण का मिलन, रास, होरी तथा कंस वध तक की सुंदर आध्यात्मिक
यात्रा है - ‘सूर दृष्टि’। नृत्य नाटिका को प्रस्तुत किया आचार्य
प्रतिष्ठा, श्री करण गंगानी और अन्य कलाकारों ने। इस प्रस्तुति ने
उपस्थित दर्शकों को अभिभूत कर दिया।
इस
अवसर पर अनेक मंत्री गण, मंत्रालयों के अधिकारी गण, शैक्षिक, प्रचारक व
धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सदस्य गण और मॉरीशसीय हिंदी
साहित्यकारों, लेखकों, प्राध्यापकों, शिक्षकों व छात्रों ने कार्यक्रम
की शोभा बढ़ाई।
मंच-संचालन डॉ. माधुरी रामधारी ने किया।
प्रमाण-पत्र वितरण
विश्व हिंदी सचिवालय ने अगस्त 2018 में आयोजित 11वें विश्व हिंदी
सम्मेलन के उपलक्ष्य में अलग-अलग आयु वर्ग के मॉरीशसीय प्रतिभागियों के
लिए एक सृजनात्मक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया था। प्रतियोगिता को
निबंध, कविता, लघुकथा, एकांकी, कहानी, नाटक, रिपोर्ताज, संस्मरण,
यात्रावृत्तांत एवं रेखाचित्र लेखन में बाँटा गया था। पुरस्कार स्वरूप
प्रत्येक प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन
में भाग लेने हेतु पंजीकरण का शुल्क विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा
प्रायोजित किया गया। विश्व हिंदी दिवस समारोह के अवसर पर विजेताओं को
उपस्थित महानुभावों के कर-कमलों द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।
अन्य गतिविधियाँ
11 जनवरी, 2019 को विश्व हिंदी सचिवालय सभागार, फ़ेनिक्स में शिक्षकों
तथा छात्रों के लिए 'द्वितीय/विदेशी भाषा के रूप में हिंदी का शिक्षण
तथा पठन' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्व हिंदी
दिवस समारोह की अतिथि वक्ता प्रो. गब्रिएला निक इलिएवा ने कार्यशाला का
संचालन किया। कार्यशाला में 100 से अधिक शिक्षकों एवं छात्रों ने
सुरुचिपूर्ण भागीदारी दी।
11 जनवरी 2019 को महात्मा गांधी संस्थान, मोका में प्रो. इलिएवा के
सान्निध्य में संस्थान के प्राध्यापकों के साथ एक परिचर्चा सत्र का भी
आयोजन किया गया।
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विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट
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