14 जनवरी, 2016 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा व मानव संसाधन,
तृतीयक शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग के
तत्वावधान में इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, फ़ेनिक्स में
विश्व हिंदी दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया।
समारोह के मुख्य अतिथि, मॉरीशस गणराज्य की राष्ट्रपति, महामहिम श्रीमती
अमीना गरीब-फ़ाकिम, जी.सी.एस.के, सी.एस.के., पीएचडी, डी.एस.सी. रहीं।
शिक्षा व मानव संसाधन, तृतीयक शिक्षा व वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री,
माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन तथा भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम
श्री अनूप कुमार मुद्गल ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा
बढ़ाई। सचिवालय ने इस वर्ष विश्व हिंदी दिवस के विशेष अवसर पर
ऑस्ट्रेलिया नेशनल युनिवर्सिटी, कैनबेरा के एशिया व प्रशांत महासागरीय
अध्ययन कॉलिज के वरिष्ठ प्राध्यापक, डॉ. पीटर फ़्रीडलैंडर को मॉरीशस के
हिंदी प्रेमियों के समक्ष प्रस्तुत किया, जिन्होंने ‘21वीं शताब्दी में
हिंदी-शिक्षण : ऑस्ट्रेलिया और एशियाई-पेसिफ़िक संदर्भ में’ विषय पर
वक्तव्य दिया।
महामहिम श्रीमती आमीना गरीब-फ़ाकिम ने अपने वक्तव्य में इस तथ्य को
उभारा कि ‘‘हम जब विश्व भाषा की बात करते हैं, तब हमें सबसे पहले आज की
दुनिया को समझ लेना चाहिए और फिर उसी के हिसाब से अपनी भाषा को भी
समझना चाहिए। आज की दुनिया खुली सोच की दुनिया है, प्रौद्योगिकी,
व्यापार, मीडिया, पर्यटन, प्रवासन, कनेक्टिविटी आदि सभी ने इस दुनिया
का चेहरा बदल दिया है। आज की दुनिया और आज की पीढ़ी किसी भी सीमा को
नहीं मानती है। ऐसे में हमें अपनी भाषा को भी ऐसा बनाना चाहिए, जो खुली
सोच के साथ सब को स्वीकार करे। अगर हम अपनी भाषा को बंधन में जकड़कर
रखेंगे, तो वह विश्व-भाषा नहीं बन पाएगी।’’
आगे महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए आप कहती हैं कि ‘‘जिस तरह बिना
किसी ज़ोर-ज़बरदस्ती से उन्होंने पूरी दुनिया से अपनी बात मनवा ली, उसी
तरह आज हिंदी भाषा मात्र प्रेम तथा अपनाने की ताकत से विश्वभर में फैल
रही है, चारों तरफ़ सम्मान पा रही है।’’
माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन ने सचिवालय को बधाई दीं तथा
मुख्य रूप से गत साल भोपाल, भारत में संपन्न ‘10वें विश्व हिंदी
सम्मेलन’ के सकारात्मक परिणामों पर संतुष्टि प्रकट की। उनके अनुसार यह
सम्मेलन हिंदी भाषा की शक्ति तथा सामर्थ्य का प्रतीक रहा। आगे उन्होंने
कहा कि ‘‘भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा समस्त भारतीय
समुदाय का मॉरीशस के प्रति प्रेम, विश्वास तथा आदर यह प्रमाणित करता है
कि मॉरीशस हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचारित-प्रसारित करने
में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।’’ साथ ही उन्होंने यह घोषणा की कि
‘‘अगला ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ जो 2018 में तय है, वह मॉरीशस की पवित्र
भूमि पर ही होगा। यह हिंदी प्रेमियों सहित हरेक मॉरीशसवासी के लिए बड़े
गर्व की बात है।’’
महामहिम श्री अनूप कुमार मुद्गल ने अपने वक्तव्य में हिंदी भाषा की
सरलता तथा सौंदर्य को रेखांकित किया और मॉरीशस सरकार तथा भारतीय सरकार
के द्विपक्षीय संबंध व मित्रता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने यह भी
स्पष्ट किया कि सचिवालय के माध्यम से हिंदी भाषा विश्व-भाषा बनने में
सफल हो पाई है।
समारोह के आरंभ में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सचिवालय के
कार्यवाहक महासचिव, श्री गंगाधरसिंह सुखलाल ने गत वर्षों की उपलब्धियों
का ब्योरा देते हुए मार्च 2015 का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि
यह साल सचिवालय के लिए भविष्य की दिशा तय करनेवाला साल रहा, क्योंकि
मार्च महीने में भारतीय प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी तथा
मॉरीशसीय प्रधान मंत्री माननीय श्री अनिरुद्ध जगन्नाथ द्वारा सचिवालय
के मुख्यालय निर्माण का शुभारंभ हुआ। यह सचिवालय पर एक गहन विश्वास का
प्रतीक है। यह विश्वास और प्रखर तब हुआ, जब भोपाल में आयोजित 10वें
विश्व हिंदी सम्मेलन में यह घोषणा हुई कि 2018 में अगला विश्व हिंदी
सम्मेलन मॉरीशस में आयोजित होगा तथा उसी अवसर पर सचिवालय के कार्यालय
का उद्घाटन भी होगा। उन्होंने सचिवालय की महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश
डाला तथा विशेष रूप से ‘विश्व हिंदी डेटाबेस’ तथा 2014 में संपन्न
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में प्रस्तुत आलेखों पर आधारित ‘सम्मेलन
स्मारिका’ का परिचय दिया।
श्री अभिमन्यु अनत को सम्मान
इस साल विश्व हिंदी दिवस खास रहा, क्योंकि समारोह में भारत सरकार की
विदेश मंत्री एवं प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री, माननीया श्रीमती सुषमा
स्वराज द्वारा मॉरीशस के विख्यात तथा विश्व हिंदी साहित्य के चिरस्थायी
हस्ताक्षर श्री अभिमन्यु अनत को उनके हिंदी प्रेम व समर्पण के लिए एक
प्रशस्ति-पत्र दिया गया। यह कार्य भारतीय उच्चायोग तथा सचिवालय के
माध्यम से आयोजित किया गया तथा महामहिम श्रीमती अमीना गरीब-फ़ाकिम के
कर-कमलों द्वारा श्री अनत को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता
विश्व हिंदी दिवस 2016 के उपलक्ष्य में सचिवालय ने वर्ष 2015 में
‘‘मेरे देश की हिंदी संस्था’’ अथवा ‘‘मेरे देश का हिंदी प्रचारक’’ विषय
पर एक अंतरराष्ट्रीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया।
प्रतियोगिता को पाँच भौगोलिक क्षेत्रों में बाँटा गया - 1. अफ़्रीका व
मध्य पूर्व, 2. अमेरिका, 3. एशिया व ऑस्ट्रेलिया (भारत के अतिरिक्त),
4. युरोप, 5. भारत। प्रत्येक क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग
लिया। समारोह में मॉरीशस के तीन विजेताओं (प्रथम - श्री सोमदत्त
काशीनाथ; संयुक्त तृतीय – श्रीमती बिद्वंती शंभु व श्रीमती लक्षमी
जयपोल-झापेरमाल) को पुरस्कार राशि तथा प्रमाण-पत्र भेंट किया गया।
लोकार्पण
विश्व हिंदी डेटाबेस
2012 में जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित 9वें विश्व हिंदी
सम्मेलन में पारित मंतव्य के तहत विश्व हिंदी सचिवालय को सोंपे गए
कार्यों के अनुरूप सचिवालय ने विश्व भर में हिंदी-शिक्षण व प्रचार से
संबद्ध विश्वविद्यालयों, पाठशालाओं एवं शैक्षिक संस्थानों तथा हिंदी
विद्वानों, लेखकों व हिंदी के प्रचार-प्रसार से संबद्ध लोगों का एक
डेटाबेस तैयार किया। विश्व हिंदी दिवस 2016 के उपलक्ष्य में सचिवालय ने
देश-विदेश की 400 हिंदी संस्थाओं व प्रचारकों से संबंधित जानकारी के
साथ इस ‘ऑनलाइन डेटाबेस’ के प्रथम चरण का लोकार्पण किया। डेटाबेस का
लिंक है - http://vishwahindidb.com/
सम्मेलन स्मारिका
वर्ष 2014 में विश्व हिंदी सचिवालय ने एक अंतरराष्ट्रीय (क्षेत्रीय)
हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें देश-विदेश के हिंदी शिक्षक,
विद्वान व संस्थाओं से जुड़े लोगों ने भाग लिया। सचिवालय ने सम्मेलन
में प्रस्तुत आलेखों व अन्य दस्तावेज़ों का संकलन करके ‘सम्मेलन
स्मारिका’ का प्रकाशन किया। इसका उद्देश्य गिरमिटिया व नव प्रवास के
देशों में हिंदी-शिक्षण व प्रचार-प्रसार संबंधित मौलिक जानकारी व अनुभव
विश्व अकाडीमिया के समक्ष प्रस्तुत करना है।
विश्व हिंदी पत्रिका का 7वाँ अंक
इस वर्ष सचिवालय ने अपने वार्षिक प्रकाशन ‘विश्व हिंदी पत्रिका’ के
7वें अंक के मुद्रित व वेब प्रारूपों का लोकार्पण किया। इस अंक में
विभिन्न देशों से प्राप्त लगभग 42 आलेखों सहित भोपाल में आयोजित 10वें
विश्व हिंदी सम्मेलन में महामहिम श्री नरेन्द्र मोदी, माननीया श्रीमती
सुषमा स्वराज तथा माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन द्वारा
प्रस्तुत वक्तव्यों को भी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इस
वर्ष की पत्रिका की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि यह पत्रिका ‘हिंदी का
इ-संसार’ विषय पर आधारित है। यह अंक सचिवालय के वेबसाइट
www.vishwahindi.com पर भी उपलब्ध है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम का आरंभ इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, मॉरीशस के
कलाकारों द्वारा हिंदी गान की एक सुन्दर व मनोरम प्रस्तुति से हुआ।
हिंदी गान महामहिम डॉ. मृदुला सिन्हा, गोवा की राज्यपाल द्वारा रचित
है। इस वर्ष कला व संस्कृति मंत्रालय तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध
परिषद् (आई.सी.सी.आर.) के सहयोग से बिहार, भारत से श्री रामदरश शर्मा
तथा उनकी टोली को विश्व हिंदी दिवस के मंच पर प्रस्तुत किया गया। अवसर
पर उनके द्वारा लोक संस्कृति पर आधारित विशेष संगीत की प्रस्तुति हुई।
मॉरीशस की प्रमुख हिंदी संस्थाओं जैसे हिंदी प्रचारिणी सभा, आर्य सभा,
हिंदी संगठन, सरकारी हिंदी शिक्षक संघ आदि ने कार्यक्रम में महत्वपूर्ण
सहयोग प्रदान किया। अनेक मंत्री गण, मंत्रालयों के अधिकारी गण,
शैक्षिक, प्रचारक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सदस्य गण,
मॉरीशसीय हिंदी साहित्यकार, लेखक, प्राध्यापक, शिक्षक व छात्रों ने
अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मंच संचालन डॉ. विनय गुदारी
तथा डॉ. तनुजा पदारथ-बिहारी ने किया।
अन्य गतिविधियाँ
15 जनवरी, 2016 को डॉ. पीटर फ़्रीडलैंडर ने मॉरीशस गणराज्य के
राष्ट्रपति, महामहिम श्रीमती आमीना गरीब-फ़ाकिम के साथ औपचारिक भेंट
की। 16 जनवरी, 2016 को हिंदी प्रचारिणी सभा के सभागार में सभा के
शिक्षकों, छात्रों सहित कई स्थानीय हिंदी लेखकों व साहित्यकारों तथा
देश के हिंदी प्रेमियों के लिए डॉ. फ़्रीडलैंडर के सान्निध्य में एक
शैक्षणिक सत्र का आयोजन किया गया। 19 जनवरी, 2016 को महात्मा गांधी
संस्थान के सुब्रमण्यं भारती सभागार में भी संस्था के शिक्षकों,
छात्रों व प्राध्यापकों के लिए डॉ. फ़्रीडलैंडर के साथ एक शैक्षणिक सत्र
लगा।
- विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट
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