गुरुवार 10 जनवरी, 2013 को विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस के शिक्षा एवं मानव संसाधन
मंत्रालय एवं भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के संयुक्त तत्वावधान में मॉरीशस के फ़ेनिक्स
स्थित इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के सभागार में विश्व हिंदी दिवस 2013
समारोह का भव्य आयोजन हुआ ।
कार्यक्रम का प्रारंभ विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव श्रीमती पूनम जुनेजा के
स्वागत भाषण से हुआ । उन्होंने उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए
सचिवालय द्वारा गत वर्ष आयोजित कार्यक्रमों की सफ़लता का बयान करते हुए इसी तरह
अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदी प्रेमियों के लिए बेहतर मंच प्रदान करने की
बात की । मॉरीशस के हिंदी संस्थाओं, हिंदी विद्वानों तथा हिंदी प्रेमियों के प्रति
उन्होंने आभार व्यक्त किया और सभी को अपनी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया ।
मॉरीशस के शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्री डॉ.वसंत कुमार बनवारी मुख्य अतिथि के रूप
में इस अवसर पर उपस्थित थे । मॉरीशस में हिंदी शिक्षण के इतिहास पर नज़र दौड़ाते
हुए उन्होंने शिक्षण के क्षेत्र में लाए जा रहे बदलावों तथा संस्कृति-सभ्यता की
रक्षा में भाषा के योगदान पर विचार व्यक्त किए । इसके साथ ही आधुनिकता के साथ चलने
वाली हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति और शिक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार, मनोरंजन आदि
क्षेत्रों में इसके फैलाव को रेखांकित किया । उन्होंने सचिवालय द्वारा किए जा रहे
कार्यों की प्रशंसा करते हुए यह आशा व्यक्त की कि आगे भी ऐसे दिलचस्प कार्यक्रम
आयोजित किए जाएंगे और इस प्रकार यह संस्था अपनी भूमिका निभाएगी ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. वसंत कुमार बनवारी द्वारा सचिवालय की वार्षिक पत्रिका
विश्व हिंदी पत्रिका के चौथे अंक (प्रकाशित तथा इलैक्ट्रॉनिक संस्करण) का लोकार्पण
किया गया । इस के साथ ही सचिवालय के वेबसाइट पर 'हर दिवस हिंदी दिवस' पृष्ठ का
लोकार्पण भी किया गया जिसमें दैनिक रूप से हिंदी से जुड़े विद्वानों एवं
साहित्यकारों पर आधारित सूचनाएँ उपलब्ध की जाएँगी ।
मॉरीशस में हिंदी शिक्षण के क्षेत्र में सक्रीय तथा पाठ्य पुस्तकें लिखने वाले श्री
विजय कुमार बिहारी जी द्वारा निर्मित तथा विश्व हिंदी सचिवालय एवं फ़्रेंच संस्थान
के सहयोग से रचित एक हिंदी-फ़्रेंच शब्द कोश का भी लोकार्पण किया गया।
विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कहानी प्रतियोगिता के
मॉरीशसीय विजेताओं (प्रथम पुरस्कार -भावना होरिशरण; सान्त्वना पुरस्कार-फ़ारुक़ रजल
एवं श्री कुमारदत्त गुदारी) को भी पुरस्कृत किया गया ।
कार्यक्रम में भारतीय उच्चायोग के द्वितीय सचिव श्री मीमांसक जी ने विश्व हिंदी
दिवस के अवसर पर भारत के प्रधान मंत्री महामहिम डॉ. मनमोहन सिंह का संदेश पढ़ा ।
उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्री टी.पी.सीताराम क़ा संदेश भी पढ़ा ।
सचिवालय के आमंत्रण पर अतिथि-वक्ता ऑस्टिन स्थित तैक्ज़स विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध
हिंदी विद्वान प्रो.हर्मन वैन ऑल्फ़न ने भी अपनी उपस्थिति दी । अपने वक्तव्य में
उन्होंने वैश्विक स्तर पर और खास तौर पर अमेरिका में हिंदी शिक्षण के उद्भव और
विकास पर प्रकाश डाला । साथ ही साथ उन गैर सरकारी संस्थाओं के कार्यों की सराहना की
जो स्वयंसेवियों के सहयोग से हिंदी की शिक्षा प्रदान करते हैं और इस प्रकार विदेशों
मे हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दे रहे हैं ।
हर वर्ष की तरह इस बार भी हिंदी के एक विशेष आधार से संबंधित बहुत ही सुन्दर ढंग से
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । इस बार हिंदी सिनेमा के सौ वर्ष को
दर्शाते हुए 'चित्रपट और हिंदी' कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । इसमें चलचित्र के
माध्यम से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में और उसकी गतिशीलता में हिंदी सिनेमा के
योगदान को उभारा गया । इस प्रस्तुति में हिंदी सिनेमा का प्रारंभ, लेखकों की
विशेषताएँ, छोटे परदे पर चलचित्र के आगमन आदि प्रस्तुत किए गए । हिंदी सिनेमा को
देश विदेश में उचित स्थान देकर हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने वाले उन महान
कलाकारों को यह एक श्रद्धांजलि थी ।
महात्मा गांधी संस्थान के गायक-गायिकाओं एवं इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र
के नृत्य कलाकारों ने अपनी कला से हिंदी सिनेमा के सौ वर्ष को दर्शाने में अपनी
भागीदारी दी जिसे उपस्थित दर्शक गण ने बहुत पसन्द किया ।
सचिवालय के उप महासचिव श्री गंगाधरसिंह सुखलाल ने मंच संचालन किया ।
- विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट
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