विश्व हिंदी सचिवालय ने 10 जनवरी, 2014 को मॉरीशस के शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय
तथा भारतीय उच्चायोग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व हिंदी दिवस का भव्य आयोजन
किया। मॉरीशस के फ़ेनिक्स स्थित इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के सभागार
में आयोजित समारोह की गरिमा बढ़ाने मुख्य अतिथि के रूप में मॉरीशस गणराज्य के
राष्ट्रपति, महामहिम श्री राजकेश्वर प्रयाग उपस्थित हुए। इस अवसर पर उपस्थित
महानुभावों की सूची में शिक्षा व मानव संसाधन मंत्री; सचिवालय की शासी परिषद के
सदस्य, श्री अजामिल माताबदल व अन्य महानुभाव भी हैं।
इस अवसर पर महामहिम श्री राजकेश्वर प्रयाग ने मॉरीशस के इतिहास में गढ़े हिंदी के
संघर्ष की बात करते हुए नई पीढ़ी को हिंदी के पठन-पाठन की ओर अग्रसर होने का
प्रोत्साहन दिया - ‘‘आपको अपने बच्चों को बताना होगा कि उनकी हिंदी ने इस देश का
कितना मान बढ़ाया है…तब जाकर उनके मन में अपनी भाषा के लिए प्रेम बढ़ेगा।’’ हिंदी
की समृद्धि को रेखांकित करते हुए महामहिम जी कहते हैं: ‘‘जो हिंदी नई प्रौद्योगिकी
के साथ जुड़ी हुई एक आधुनिक भाषा बन रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण
भाषा बन रही है…वही हिंदी अपने साहित्य में अपने शब्दों में अपने इतिहास में हमारी
संस्कृति के मूल्य भी लिए हुए हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास ऐसी भाषा है
जो परंपराओं के साथ-साथ नएपन को भी जोड़ सकती है।’’
माननीय डॉ. वसन्त कुमार बनवारी ने विश्व हिंदी सचिवालय के कार्यों तथा गतिविधियों व
आयोजनों की सराहना करते हुए शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय के सहयोग का विश्वास
दिलाया। माननीय मंत्री जी ने मॉरीशस में शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए
प्रौद्योगिकी की बात की जिसमें उन्हें सचिवालय तथा शिक्षा व मानव संसाधन मंत्रालय
के संयुक्त प्रयासों का उल्लेख किया। वे कहते हैं ‘‘हमारी सरकार चाहती है कि देश
में सभी विषय के शिक्षण को आधुनिक बनाया जाए और मुझे खुशी है कि जहाँ तक हिंदी भाषा
का सवाल है, मंत्रालय और सचिवालय एक साथ मिलकर उसके भविष्य का रास्ता दिखा रहे
हैं।’’
कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्री अशोक कुमार ने विश्व हिंदी दिवस 2014 के
उपलक्ष्य में भारत के महामहिम प्रधान मंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया। तत्पश्चात
महामहिम ने अपने उद्बोधन में सचिवालय की गतिविधियों व योजनाओं में भारत सरकार के
निरंतर सहयोग का विश्वास दिलाया।
विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में सचिवालय के आमंत्रण पर तोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ़
फ़ॉरेन स्टडीज़, जापान से आए प्रो. ताकेशि फ़ुजिइ का बीज वक्तव्य ''जापान में हिंदी
भाषा और साहित्य का अध्ययन-अध्यापनः इतिहास, उपलब्धियाँ व स्मृतियाँ''
पर आधारित रहा जिसे समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों ने खूब सराहा।
समारोह के आरंभ में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सचिवालय के कार्यवाहक महासचिव,
श्री गंगाधरसिंह सुखलाल ने विशेष रूप से 2013 की उपलब्धियों का ब्योरा दिया तथा
2014 की योजनाएँ प्रस्तुत कीं। श्री सुखलाल ने विशेष रूप से सचिवालय की इस गतिविधि
के लिए सभी सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार प्रकट किया तथा सचिवालय द्वारा आयोजित
अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता के विजेताओं की भी घोषणा की।
पुरस्कार वितरणः भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता
समारोह के दौरान हिंदी दिवस 2013 के उपलक्ष्य में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित
निबंध व काव्य-पाठ प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। यह पुरस्कार
विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा प्रायोजित किया गया तथा उपस्थित महानुभावों द्वारा भेंट
किया गया।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी कविता प्रतियोगिता
विश्व हिंदी दिवस 2014 के उपलक्ष्य में सचिवालय ने वर्ष 2013 में एक पाँच भौगोलिक
क्षेत्रों 1. अफ़्रीका व मध्य पूर्व, 2. अमेरिका, 3. एशिया व ऑस्ट्रेलिया
(भारत के अतिरिक्त), 4. यूरोप, 5. भारत के लिए एक 'अंतरराष्ट्रीय हिंदी कविता
प्रतियोगिता' का आयोजन किया था जिसके विजेताओं की घोषणा विश्व हिंदी दिवस के
उपलक्ष्य में कार्यवाहक महासचिव द्वारा की गई। समारोह में अफ़्रीका व मध्य पूर्व
क्षेत्र के तीन मॉरीशसीय विजेताओं को पुरस्कृत किया गया आयोजन किया।
लोकार्पणः विश्व हिंदी पत्रिका का 5वां अंक
सचिवालय ने अपनी वार्षिक पत्रिका के पांचवे अंक के मुद्रित व वेब प्रारूपों का
लोकार्पण किया। इस अंक में विभिन्न देशों से प्राप्त 41 लेख प्रस्तुत किए गए हैं।
इस वर्ष की पत्रिका की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि यह पत्रिका प्रसिद्ध, वरिष्ठ,
स्थापित मॉरीशसीय साहित्यकार श्री अभिमन्यु अनत को समर्पित की गई तथा विशेष भाग
हिंदी तथा सूचना-संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित है। यह अंक सचिवालय के वेबसाइट
www.vishwahindi.com पर भी उपलब्ध है।
श्री शेखर सेन द्वारा स्वामी विवेकानंद के जीवन पर एकपात्रीय नाटक का मंचन
इस वर्ष विश्व हिंदी दिवस की अलग विशेषता रही, उसका सांस्कृतिक कार्यक्रम। इस बार
विश्व हिंदी दिवस के अतिथियों को प्रसिद्ध भारतीय नाटककार व अभिनेता, श्री शेखर सेन
द्वारा स्वामी विवेकानंद के जीवन पर एकपात्रीय नाटक देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
विवेकानन्द नाटक भारत और विदेश में दो सौ से अधिक प्रस्तुतियों के बाद मॉरीशस के
हिंदी प्रेमियों के लिए मंचित हुआ। कहानी है 150 वर्ष पूर्व जन्मे उस महान विद्रोही
संत के जीवन की जिन्होंने स्वामी कृष्णानन्द से भेंट के बाद भारतीय दर्शन को विश्व
भर में फैलाया और शिकागो के अपने ऐतिहासिक भाषण से लेकर आज तक, आज भी भारतीय मनीषा
व दर्शन के प्रतीक रूप में पहचाने जाते हैं।
मॉरीशस की जनता को पहली बार श्री शेखर सेन जैसे उच्च कोटि के कलाकार की कला का तथा
विवेकानंद जी के जीवन की गाथा का रसास्वादन करने का अवसर प्राप्त हुआ।
श्री चेतनदेव भगन, कला व संस्कृति मंत्रालय के स्थायी सचिव; श्री शांतनु मुखर्जी,
मॉरीशस के प्रधान मंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार; श्री बिजय मधु, महात्मा
गांधी संस्थान के निदेशक; श्री संजय शर्मा, इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र
के निदेशक; श्री मज़ुमदार, अजंता फ़ार्मा के निदेशक; श्री मीमांसक, भारतीय उच्चायोग
के द्वितीय सचिव (शिक्षा व भाषा); सुश्री अनुपमा चमन कला व संस्कृति मंत्रालय की
प्रमुख संस्कृति अधिकारी; हिंदी संगठन, हिंदी प्रचारिणी सभा, आर्य सभा मॉरीशस,
मॉरीशस सनातन धर्म पुरोहित मंडल, हिंदी लेखक संघ आदि धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक
तथा भाषा प्रचारक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सदस्य; मॉरीशस के वरिष्ठ हिंदी
साहित्यकारों व हिंदी छात्रों तथा आम जनता ने अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा
बढ़ाई।
मंच संचालन श्री विनय गुदारी तथा श्री अरविंद बिसेसर ने किया।
अन्य गतिविधियाँ
विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आए हुए सचिवालय के अतिथि प्रो. ताकेशि फ़ुजिइ तथा
श्री शेखर सेन ने मॉरीशस के कई प्रख्यात महानुभावों से भेंट की तथा मॉरीशस के अन्य
हिंदी प्रचारक संस्थाओं के दर्शन किए। 9 जनवरी, 2014 को दोनों विद्वानों ने मॉरीशस
गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री राजकेश्वर प्रयाग; शिक्षा व मानव संसाधन
मंत्री, डॉ. वसंत कुमार बनवारी तथा कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त, श्री अशोक कुमार
के साथ औपचारिक भेंट की।
8 जनवरी, 2014 को महात्मा गांधी संस्थान के सभागार में कला एवं संस्कृति मंत्रालय
के तत्वावधान में तथा विश्व हिंदी सचिवालय के सहयोग से हिंदी स्पीकिंग यूनियन ने
प्रो. ताकेशि फ़ुजिइ तथा श्री शेखर सेन के सम्मान में एक अभिनंदन समारोह का आयोजन
किया। दोनों विशेष अतिथियों का स्वागत करते हुए हिंदी स्पीकिंग यूनियन ने उन्हें
संपूर्ण मॉरीशसीय हिंदी समाज के अतिथि का दर्जा दिया तथा विश्व हिंदी दिवस के भव्य
आयोजन में अमूल्य योगदान प्रदान किया। हिंदी स्पीकिंग यूनियन के ‘ज्ञान सरोवर’
रेडियो कार्यक्रम द्वारा प्रो. फ़ुजिइ ने मॉरीशसीय हिंदी समाज के साथ अपना अनुभव
बाँटा। श्री शेखर सेन के साथ दो कार्यक्रमों का टेपांकन किया गया जिससे मॉरीशसीय
जनता लाभान्वित हुई।
11 जनवरी को प्रो. फ़ुजिइ तथा श्री सेन ने मॉरीशस के वरिष्ठ, प्रसिद्ध साहित्यकार
श्री अभिमन्यु अनत से भेंट की। इसी दिन हिंदी प्रचारिणी सभा ने दोनों अतिथियों के
लिए सभा में ही एक विशेष भेंट का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रो. फ़ुजिइ तथा श्री शेखर
सेन हिंदी प्रचारिणी सभा के वर्तमान कार्यकारिणी समिति के सदस्यों, सभा के
अधिकारियों, सदस्यों व शिक्षकों से मिले। सभा के प्रधान ने हिंदी प्रचारिणी सभा का
संक्षिप्त इतिहास प्रस्तुत करते हुए उनकी गतिविधियों का भी ब्योरा दिया जिससे दोनों
अतिथियों को मॉरीशस में हिंदी के क्षेत्र में हो रहे ठोस कार्यों तथा संस्थाओं के
संघर्ष की झलक मिल पाई।
-विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट
देखें : विश्व हिंदी दिवस, 2014 की तसवीरें
|