हिन्दी का एक अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में संवर्द्धन करने और विश्व हिन्दी
सम्मेलनों के आयोजन को संस्थागत व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी
सचिवालय की स्थापना का निर्णय लिया गया । इसकी संकल्पना 1975 में नागपुर में आयोजित
प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान की गई जब मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर
शिव सागर रामगुलाम ने मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय स्थापित करने का प्रस्ताव
रखा था।
संगठन
विश्व हिन्दी सचिवालय का एक शासी परिषद (गवर्निंग कौंसिल) तथा एक कार्यकारिणी बोर्ड
(एग्ज़िक्यूटिव बोर्ड) है । विश्व हिन्दी सचिवालय का महासचिव इसका मुख्य कार्यकारी
अधिकारी होता है ।
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