प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन
पहला विश्व हिंदी सम्मेलन १०-१४ जनवरी १९७५ तक नागपुर में आयोजित किया गया। सम्मेलन
का आयोजन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के तत्वावधान में किया गया। सम्मेलन से
सम्बंधित राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष महामहिम उपराष्ट्रपति श्री बी डी जत्ती
थे। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अध्यक्ष श्री मधुकर राव चौधरी महाराष्ट्र
राज्य के वित्त, नियोजन तथा अल्प बचत मंत्री थे।
पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का बोधवाक्य था- वसुधैव कुटुम्बकम। सम्मेलन में मुख्य
अतिथि मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री शिवसागर रामगुलाम थे जिनकी अध्यक्षता में मॉरीशस
से आए एक प्रतिनिधिमंडल ने सम्मेलन में भाग लिया था। सम्मेलन में ३० देशों के १२२
प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में पारित किए गए मंतव्य थे-
१- संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को आधिकारिक भषा के रूप में स्थान दिया जाए।
२- वर्धा में विश्व हिंदी विद्यापीठ की स्थापना हो।
३- विश्व हिंदी सम्मेलनों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए अत्यंत विचारपूर्वक एक
योजना बनाई जाए।
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