विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस के आधिकारिक कार्यारंभ की 8वीं वर्षगाँठ
विश्व हिंदी सचिवालय ने अपने आधिकारिक कार्यारंभ की 8वीं वर्षगाँठ के
उपलक्ष्य में 15 फ़रवरी, 2016 को मॉरीशस के शिक्षा व मानव संसाधन, तृतीयक शिक्षा
एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के तत्वावधान में
महात्मा गांधी संस्थान मोका के सभागार में एक समारोह का आयोजन किया।
इस अवसर पर मॉरीशस की शिक्षा व मानव संसाधन, तृतीयक शिक्षा एवं वैज्ञानिक
अनुसंधान मंत्री, माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन, मुख्य अतिथि के रूप
में उपस्थित थीं तथा भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्री अनूप कुमार मुद्गल,
महात्मा गांधी संस्थान की निदेशिका डॉ. विद्योत्मा कुंजल, संस्थान के अध्यक्ष
श्री जयनारायण मीतू व अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस
वर्ष केरल, भारत से हिंदी प्रोफ़ेसर, डॉ. विजयकुमारन सी.पी.वी. को बीज वक्ता के
रूप में आमंत्रित किया गया था।
विश्व हिंदी सचिवालय ने 11 फ़रवरी, 2008 को आधिकारिक रूप से कार्यारंभ किया
था। सचिवालय भारत सरकार व मॉरीशस सरकार की द्विपक्षीय संस्था है जिसकी स्थापना
से संबंधित अधिनियम मॉरीशस नेशनल असेंबली में नवंबर, 2002 में पारित किया गया
और उसकी आधिकारिक घोषणा सितंबर, 2005 में की गई।
2008 से प्रतिवर्ष 11 फ़रवरी को सचिवालय अपने आधिकारिक कार्यारंभ की
वर्षागाँठ मनाता है। इस अवसर पर सचिवालय भारत से किन्हीं हिंदी शिक्षक,
शोधकर्ता, सृजनकर्मी को एक वक्तव्य तथा अन्य अकादमिक व साहित्यिक गतिविधियों के
लिए आमंत्रित करता है।
माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन ने इस अवसर पर सभागार को संबोधित करते
हुए सचिवालय के कार्यों की सराहना की तथा भावी योजनाओं के लिए प्रोत्साहित भी
किया। माननीया मंत्री जी ने अपने वक्तव्य में विशेष रूप से युवाओं को संबोधित
तथा प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ‘‘हिंदी को लेकर अपने भविष्य, अपने करियर के
बारे में सोचते हुए आपको शिक्षक, अनाउन्सर, पत्रकार के साथ-साथ शोधकर्ता,
अनुवादक, दुभाषिए, प्रबंधक, डिप्लोमैट जैसे विकल्प भी देखने होंगे। आपके काम की
जगह एक स्कूल, युनिवर्सिटी या रेडियो स्टेशन के साथ-साथ एक उच्चायोग और
मल्टीनेशनल फ़र्म या संयुक्त राष्ट्रसंघ का दफ़्तर भी हो सकता है। लेकिन इसके
लिए आपको भाषा के साथ-साथ आज के जॉब मार्केट के हिसाब से मल्टिपल प्रोफ़ेशनल
स्किल्स का विकास करना होगा।’’
सचिवालय के आधिकारिक कार्यारंभ की वर्षगाँठ के सुनहरे अवसर पर माननीया
मंत्री जी ने यह शुभ सूचना भी दी कि फ़ेनिक्स, मॉरीशस में सचिवालय के मुख्यालय
के निर्माण के लिए पर्मिट मिल गया है। शीघ्र ही सचिवालय के नए भवन का सपना
साकार होने वाला है।
महामहिम श्री अनूप कुमार मुद्गल ने सभागार को संबोधित करते हुए मॉरीशस में
ही विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना को सार्थक माना। उनके शब्दों में‘‘भारत के
बाहर अगर कोई भी ऐाा देश है जहाँ पर हिंदी से उतना ही प्रेम करनेवाले लोग हैं
तो वो मॉरीशस है। मॉरीशस की अपनी एक हिंदी है, मॉरीशस के अपने साहित्यकार,
विद्वान, लेखक है। कुछ तो विश्व स्तर पर जाने जाते हैं और उनकी किताबें भारत के
विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई जाती हैं।’’
महात्मा गांधी संस्थान की निदेशिका, डॉ. विद्योत्मा कुंजल ने भी अपने
वक्तव्य में विश्व हिंदी सचिवालय को बधाई व शुभकामनाएँ दीं।
प्रो. विजयकुमारन सी.पी.वी. ने समारोह के अंतर्गत ‘‘दक्षिण भारत में हिंदी
की विकास यात्रा’’ विषय पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। वक्तव्य से पूर्व भारतीय
उच्चायोग की द्वितीय सचिव (शिक्षा व भाषा) डॉ. श्रीमती नूतन पाण्डेय ने प्रो.
विजयकुमारन सी.पी.वी. का परिचय दिया।
कार्यक्रम के आरंभ में सचिवालय के कार्यवाहक महासचिव श्री गंगाधरसिंह सुखलाल
ने अतिथियों का स्वागत किया।
श्री हीरालाल लीलाधर व श्रीमती कल्पना लालजी की पुस्तकों का लोकार्पण
समारोह में मॉरीशस के लब्धप्रतिष्ठ हिंदी रचनाकार श्री हीरालाल लीलाधर कृत
‘एहसास’, ‘मेरे अपने’ व ‘व्याकरण विमर्श’ तथा श्रीमती कल्पना लालजी कृत ‘आईना
ज़िंदगी का’ पुस्तकों का लोकार्पण माननीया मंत्री जी के हाथों किया गया।
लोकार्पण से पूर्व महात्मा गांधी संस्थान की हिंदी विभागाध्यक्षा, डॉ. संयुक्ता
भुवन-रामसारा ने पुस्तकों तथा लेखकों का परिचय प्रस्तुत किया।
अवसर पर मॉरीशस के प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार, लेखक गण, हिंदी प्रचारक व
शैक्षिक संस्थाओं के प्रतिनिधि गण व सदस्य गण, हिंदी प्राध्यापक, शिक्षक, छात्र
तथा अकादमिक आदि उपस्थित थे। मंच संचालन सुश्री अंजलि चिंतामणि ने किया।
अन्य गतिविधियाँ
मुख्य कार्यक्रम के अतिरिक्त प्रो. विजयकुमारन ने सचिवालय के तत्वावधान में
देश की अन्य हिंदी शिक्षण व प्रचारक संस्थाओं के सौजन्य से आयोजित अनेक
गतिविधियों में भाग लिया। 15 फ़रवरी को महात्मा गांधी संस्थान के हिंदी विभाग
द्वारा प्रो. विजयकुमारन के सान्निध्य में संस्थान के तृतीयक छात्रों व
प्राध्यापकों के लिए ‘तुलनात्मक साहित्य’ पर एक परिचर्चा सत्र का आयोजन किया
गया। 13 फ़रवरी को हिंदी प्रचारिणी सभा के अधिकारियों, सदस्यों व शिक्षकों के
साथ प्रो. विजयकुमारन की एक औपचारिक भेंट हुई तथा ऋषि दयानंद संस्थान के तृतीयक
छात्रों के लिए प्रो. विजयकुमारन द्वारा ‘भक्ति साहित्य’ पर एक वक्तव्य दिया।
इनके अतिरिक्त प्रो. विजयकुमारन ने अपनी मॉरीशस यात्रा के अंतर्गत हिंदी
स्पीकिंग यूनियन के ‘ज्ञान सरोवर’ रेडियो कार्यक्रम में भाग लिया तथा मॉरीशस
ब्रोडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के ‘सृजन’ टी.वी. कार्यक्रम के माध्यम से भी हिंदी,
लोक साहित्य आदि अनेक विषयों पर मॉरीशस की जनता के साथ अपना ज्ञान बाँटा।
-विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट
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